हम राम को राष्ट्र से अलग नहीं मानते: रामभद्राचार्य
सभी को गोपाष्टमी की शुभकामनाएं दी
श्रीराम कथा के तीसरे दिन गोपाष्टमी पर पुंगनूर गाय की पूजा कर शुरू की राम कथा
जयपुर। श्री बालाजी गौशाला संस्थान सालासर एवं विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजन समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्री राम कथा के तीसरे दिन मंच पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने पुंगनूर गाय की पूजा कर सभी को गोपाष्टमी की शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि आज गोपाष्टमी है मैने गौ हत्यारों से कह दिया निर्दोष गाय की हत्या बंद करो, आंदोलन करुंगा। मेरे कोई भी आंदोलन असफल नहीं हुए हैं। अब मैं गौ माता का आंदोलन प्रारंभ कर रहा हूं। हम प्रयास करेंगे की भारत से गौहत्या समाप्त हो। हमें नोट मत दो, पर गौमाता के संरक्षण वालों को वोट दो, राम चरित मानस राष्ट्र ग्रंथ हो।
अब 7 पीढ़ी भी कश्मीर में 370 नहीं ला सकेगी
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला का बयान सुना, मुझे रोष आया। उन्होंने कहा हमारे साथ अन्याय हुआ है, धारा 370 हटा दी गई। अन्याय को हम हिंदुओं के साथ अकर्मण्य प्रथम प्रधानमंत्री ने किया था। अब सात पीढ़ी भी कश्मीर में 370 नहीं ला सकेगी। उमर कान खोलकर सुनो दूध मांगोंगे तो खीर देंगे, कश्मीर मांगा तो चीर देंगे। हम तुम्हारी सात पुश्तों की कुंडली जानते हैं।
सत्ता व संत के समन्वय से राष्ट्र बनता है मजबूत: राष्ट्र ने भी सीटें कम दी, सत्ता एवं संत दोनों के समन्वय से राष्ट्र मजबूत बनता है। हमने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, पूरे भारत के लिए, 70 फीसदी हमको मिली और तीस फीसदी कसाइयों को मिली। कृष्ण जन्मभूमि, काशी एवं गलता पीठ भी रामानंदियों को मिलेगी। किसी भी पीठ पर किसी की दादागिरी नहीं चलेगी।
राम जी का विराट रूप है भारत
मैं एक किसी की कृपा पर जगद्गुरु नहीं बना, मैं मोदी की चर्चा क्यूं ना करुं, जगद्गुरु पर किसी का नियंत्रण नहीं होता। हम राम को राष्ट्र से अलग नहीं मानते हैं। राम जी का विराट रूप है भारत। इस बार हिंदुओं ने गद्दारी की, नारायण लक्ष्मीपति है, राम जी सीता पति हैं, सीता वर भी है। इस अवसर पर महाराज जी ने ज्ञान अंखड एक सीतावर......हनुमान संतन के रखवाले..........जैसा भजन गाया तो भक्तजन तातियां बजाकर झूम उठे। इस मौके पर महाराज जी ने कहा कि रामचरितमानस पढ़ने के बाद कुछ पढ़ने को बाकी नहीं रह जाता। रामजी की सत्ता को नहीं नकार सकते, राम मंदर के लिए भगवान से ही भगवान को मांगना पड़ा। अब रामलला अयोध्या में विराजमान हो गए हैं। हमने राम जन्मभूमि का आंदोलन इसलिए चलाया कि रामजी से ही इस भारत भूमि की पहचान हो। कौशल्या की गोद में खेले रघुनंदन बबुला.....जैसे भजन पर भक्तजन झूम झूम कर नाचे। कल अक्षय नवमी है कुछ मांगना है तो भगवान से मांगे किसी और से नहीं।
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