सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर लगाई रोक, केवल आरोपी होने पर उसके आवास को ध्वस्त कर देना असंवैधानिक
घर बनाना लोगों का संवैधानिक अधिकार है
कोर्ट ने कहा कि अपने अनुसार बुलडोजर की कार्रवाई करने वाली सरकारें कानून की दोषी है। घर बनाना लोगों का संवैधानिक अधिकार है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी बताया कि उसका यह फैसला किन स्थानों पर लागू नहीं होगा। जहां सार्वजनिक भूमि पर कोई अनधिकृत निर्माण है। वहां भी जहां न्यायालय द्वारा ध्वस्तीकरण का आदेश है। वहां यह फैसला लागू नहीं होगा।
कोर्ट ने कहा कि अपने अनुसार बुलडोजर की कार्रवाई करने वाली सरकारें कानून की दोषी है। घर बनाना लोगों का संवैधानिक अधिकार है। एक व्यक्ति के लिए उसका आवास केवल संपत्ति नहीं है, बल्कि पूरे परिवार के लिए आश्रय है। इसलिए बुलडोजर से ध्वस्त करने की कार्रवाई से पहले राज्य सरकार को विचार करना चाहिए। पूरे परिवार को आश्रय से वंचित करने के लिए यह अतिवादी कदम सही है। केवल किसी के आवास को इसलिए ध्वस्त कर देना कि वह आरोपी या दोषी है। यह पूरी तरह असंवैधानिक है।
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