असर खबर का - किसानों को राहत, सोयाबीन खरीद के बदले नियम
खरीद की मात्रा भी 40 क्विंटल तक बढ़ाई
अब 15 प्रतिशत नमी वाली सोयाबीन की होगी खरीद।
कोटा। कोटा सहित प्रदेशभर में सरकारी केन्द्रों पर सोयाबीन खरीद की धीमी रफ्तार हो रही है। प्रदेश में लाखों क्विंटल सोयाबीन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन खरीद के नियमों के चलते किसानों ने खरीद केन्द्रों से दूरी बना रखी है। ऐसे में अब केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीद के नियमों में बदलाव कर दिया है। अब सरकारी केन्द्रों पर15 प्रतिशत नमी वाली सोयाबीन की खरीद की जाएगी। पूर्व में सोयाबीन में नमी की सीमा 12 प्रतिशत थी, जिसे अब तीन प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा अब प्रत्येक किसान के लिए सोयाबीन खरीद की मात्रा भी बढ़ा दी गई। सरकारी केन्द्रों पर प्रत्येक किसान 40 क्विंटल तक सोयाबीन बेच सकेगा। पहले यह मात्रा 25 क्विंटल तक ही थी। जिसे अब 15 क्विंटल बढ़ा दिया है। सरकार द्वारा नियमों में बदलाव करने से किसानों को काफी राहत मिलेगी।
पर्याप्त खरीद नहीं हुई तो जारी किए निर्देश
केन्द्र सरकार के निर्देश पर 15 अक्टूबर से सोयाबीन और उड़द खरीद के लिए पंजीयन शुरू किया गया था। इसी के साथ विभिन्न स्थानों पर केन्द्र खोलकर खरीद शुरू कर दी गई थी। कोटा संभाग की बात करें तो एक माह की अवधि में यहां पर केवल 15 हजार क्विंटल सोयाबीन की खरीद हो पाई है। इससे खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा था। यहीं राजस्थान प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों की थी। अधिकांश खरीद केन्द्रों पर सन्नाटा पसर रहा था। इसका प्रमुख कारण यह था कि 12 प्रतिशत से अधिक नमी वाली सोयाबीन को नापास किया जा रहा था। इससे किसानों निराश होकर लौटना पड़ रहा था। एक माह बाद भी सरकारी केन्द्रों पर सोयाबीन खरीद का ग्राफ नहीं बढ़ा तो सरकार ने नियमोंं में बदलाव करते हुए नए निर्देश जारी किए, ताकि सोयाबीन खरीद ज्यादा हो सके।
इधर लिमिट बढ़ने से किसानों को होगा फायदा
वर्तमान में समर्थन मूल्य केन्द्रों पर 4892 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सोयाबीन की खरीद की जा रही है। जबकि बाजार में औसतन भाव 4200 रुपए प्रति क्विंटल तक ही चल रहे हैं। यानि किसानों को कृषि मंडियों में फसल बेचने से काफी नुकसान हो रहा था। इधर सरकारी केन्द्रों पर 25 क्विंटल सोयाबीन बेचने पर 17500 तक का मुनाफा हो रहा था। अब लिमिट बढ़ने से किसान 25 के बजाय 40 क्विंटल तक सोयाबीन समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। इससे किसानों को अब 40 क्विंटल पर 28000 तक फायदा होगा। जिले में 9 केन्द्रों पर अब तक 1002 किसानों ने पंजीयन करवाया है। इसमें अब तक 184 किसान सोयाबीन बेच चुके हैं। अब खरीद की लिमिट बढ़ाने से शेष किसानों को काफी फायदा होगा।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
कोटा संभाग में सोयाबीन खरीद काफी कम रहने के सम्बंध में दैनिक नवज्योति में 16 नवंबर के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। इसमें बताया था कि कोटा संभाग में समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद शुरू हो गई, लेकिन नियमों की पेचीदगियों के चलते सरकारी खरीद अभी तक नगण्य है। एक माह की अवधि में अब तक केवल 15 हजार क्विंटल ही सोयाबीन की खरीद हो पाई है। राजफैड के लिए इस सीजन में 10 लाख क्विंटल खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसकी तुलना में अभी तक मात्र 10 प्रतिशत ही खरीद हो पाई है। ऐसे में खरीद का लक्ष्य पूर्ण होना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। नियमों के कारण ज्यादा किसान सरकारी केन्द्रों पर फसल बेचने नहीं पहुंच रहे हैं।
इनका कहना
इस साल बारिश के कारण सोयाबीन फसल की गुणवत्ता प्रभावित हो गई। सरकारी केन्द्रों पर ज्यादा नमी वाली सोयाबीन की खरीद नहीं की जा रही थी। इससे किसानों को नुकसान हो रहा था। अब नमी की मात्रा 15 प्रतिशत और खरीद की लिमिट 40 क्विंटल करने से काफी राहत मिलेगी।
- भरोसीलाल जाटव, किसान
केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीद के नियमों में बदलाव कर दिया है। अब सरकारी केन्द्रों पर15 प्रतिशत नमी वाली सोयाबीन की खरीद की जाएगी। इसके अलावा अब प्रत्येक किसान 40 क्विंटल तक सोयाबीन बेच सकेगा। पहले यह मात्रा 25 क्विंटल तक ही थी।
- विष्णुदत्त शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, राजफैड
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