असर खबर का - 2 साल बाद सलाखों से आजाद होंगे बाघिन टी-114 के दोनों शावक
3 गुना 3 के पिंजरे से निकल 5 हैक्टेयर के एनक्लोजर में दौड़ेंगे शावक
मुकुंदरा व रामगढ़ टाइगर रिजर्व में होगी रिवाइल्डिंग।
कोटा । अभेड़ा बॉयोलोजिकल पार्क के पिंजरे में कैद बाघिन टी-114 के दोनों शावकों को आखिरकार 2 साल बाद आजादी मिलेगी। अब उन्हें मुकुंदरा व रामगढ़ टाइगर रिजर्व में रिलीज किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय वन्यजीव प्रभाग से आदेश जारी हो चुके हैं। इसमें मादा शावक को मुकंदरा टाइगर रिजर्व तो नर को रामगढ़ टाइगर रिजर्व में रिलीज किया जाएगा। रिलीज से पहले इन दोनों शावकों को रेडियो कॉलर लगाया जाएगा।
5-5 हैक्टेयर के एनक्लोजर में होगी रिवाइल्डिंग
दो साल से 3 गुना 3 साइज के पिंजरे (नाइट शेल्टर) में रह रहे शावक अब 5-5 हैक्टेयर के एनक्लोजर में रहेंगे। जहां उनकी रिवाइल्डिंग की जाएगी। मुकुंदरा के दरा अभयारणय में लगभग पोर्टेबल एनक्लोजर का काम पूरा हो चुका है। वहीं, रामगढ़ टाइगर रिजर्व की जेतपुर रेंज में पहले से ही पोर्टेबल एनक्लोजर बना हुआ है। जहां दोनों शावक जंगल की परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढाल सकेंगे।
इन शर्तों का करना होगा पालन
- रेडियो कॉर्लर व रिलीजिंग का कार्य कड़ाई से राज्य वन विभाग की देखरेख में किया जाएगा।
- पकड़ने और छोड़ने के बाद की जटिलताओं से बचने के लिए भी उचित सावधानी बरती जाए। -इस आॅपरेशन के दौरान बाघ शावकों को कम से कम नुकसान पहुंचे।
- चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन व राज्य वन विभाग द्वारा रेडियो कॉलरिंग व रिलीजिंग के दौरान और बाद में नियमित निगरानी की जाएगी।
- एनटीसी प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करनी होगी। सहित अन्य जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
नवज्योति ने लगातार उठाया मामला
बाघिन टी-114 के दोनों शावकों को ढाई साल की उम्र में गत वर्ष 1 फरवरी को रणथम्भौर से अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था। तब, 6 माह बाद मुकुंदरा में शिफ्ट किए जाने के आदेश थे। लेकिन, शिफ्टिंग में लगातार देरी होने के कारण इनके जंगल में सरवाइव करने को लेकर अंदेशा बढ़ने लगा और वन्यजीवों की शिफ्टिंग की मांग उठने लगी। 2 साल तक शावकों की शिफ्टिंग को लेकर फैसला नहीं होने पर दैनिक नवज्योति वन्यजीव प्रेमियों की आवाज बना और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के नजरिए से लगातार खबरें प्रकाशित कर वन अधिकारियों को शिफ्टिंग में अनावश्यक देरी से रिवाइल्डिंग में बढ़ती चुनौतियां, शावकों का व्यवहार, जंगल में सरवाइवल, शिकार की कला, जंगल की विषम परिस्थितियों में खुद को ढालने को लेकर संशय सहित अन्य चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया था।
17 को खबर छपी, 26 को आदेश हो गए
दैनिक नवज्योति ने हाल ही में 17 नवम्बर को हुक्मदारों के दोहरे नजरिए में फंसी बाघों की तक्दीर... शीर्षक से खबर प्रकाशित कर 2 साल के बाघ को शावक मानना और सरिस्का के ढाई साल के एसटी 2303 को सब एडल्ट मान रामगढ़ टाइगर रिजर्व में शिफ्ट करने पर एक ही ऐज कैटेगिरी के शावकों के प्रति दोहरा रवैया अपनाने को लेकर विशलेषणात्मक व तथ्यात्मक खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद 26 नवम्बर को दोनों शावकों की शिफ्टिंग के आदेश जारी हो गए। हालांकि नवज्योति, अगस्त 2023 से ही लगातार शावकों की रिवाइल्डिंग के लिए पांच हैक्टेयर के एनक्लोजर में शिफ्ट किए जाने की आवाज उठाता रहा है। आखिरकार नवज्योति के प्रयास रंग लाए और 3 गुणा 3 के छोटे पिंजरे से आजादी मिल सकेगी।
अब मुकुंदरा में हो जाएंगे तीन बाघ
मादा शावक के मुकुंदरा में शिफ्ट होने के साथ ही यहां बाघों की संख्या 2 से बढ़कर 3 हो जाएगी। यहां नर बाघ एमटी-5 व बाघिन एमटी-6 विचरण कर रही है। वहीं, नर शावक के आने से रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 5 से बढ़कर 6 हो जाएगी।
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में पल रहे दोनों शावकों की शिफ्टिंग को लेकर आदेश जारी हो चुके हैं। मुकुंदरा व रामगढ़ टाइगर रिजर्व के डीएफओ से इस संबंध में बात हो चुकी है। दोनों अधिकारियों के कहने पर अभेड़ा से शावकों को शिफ्ट कर दिया जाएगा। हमारी तरफ से तैयारियां पूरी है।
- अनुराग भटनागर, उपवन संरक्षक, वन्यजीव विभाग कोटा
Comment List