एक्सपर्ट्स की चेतावनी, देश में तीन महीने के बाद आ सकती है कोरोना वायरस की तीसरी लहर
भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। मेडिकल एक्सपर्ट्स ने संभावना व्यक्त की है कि भारत में अक्टूबर तक महामारी की तीसरी लहर आ सकती है।
नई दिल्ली। भारत में पिछले दो-तीन महीनों में कोरोना की दूसरी लहर ने भयंकर तबाही मचाई थी। इस दौरान देश में जीवन रक्षक दवाईयों की कमी, अस्पतालों में बेड की कमी के साथ ही ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा था। अभी दूसरी लहर पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुई है कि एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर की चेतावनी दे दी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि तीन महीने के बाद देश में तीसरी लहर दस्तक दे सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सर्वे में मेडिकल एक्सपर्ट्स ने संभावना व्यक्त की है कि भारत में अक्टूबर तक महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। विशेषज्ञों ने साथ ही कहा कि भारत तीसरी लहर का मुकाबला दूसरी लहर से बेहतर करेगा। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में टीकों, ऑक्सीजन, दवाओं, अस्पतालों में बिस्तरों की कमी होने की वजह से यह अधिक विनाशकारी बन गई। विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना महामारी कम से कम एक और साल तक लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी रहेगी।
दुनिया के 40 हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, डॉक्टर, वायरोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञों को इस सर्वे में शामिल किया गया था। सर्वे में विशेषज्ञों ने कहा कि तीसरी लहर आएगी। इनमें से 85 फीसदी या 24 में से 21 ने कहा कि तीसरी लहर अक्टूबर तक आएगी। तीन अन्य ने इसके अगस्त में आने की भविष्यवाणी की तो 12 ने सितंबर में शुरुआत की बात कही है। अन्य ने कहा कि तीसरी लहर नवंबर से फरवरी के बीच आ सकती है।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि तीसरी लहर अधिक नियंत्रित होगी, क्योंकि टीकाकरण में और तेजी आएगी, इससे केसों की संख्या कम होगी। इसके अलावा इस लहर से कुछ हद तक प्राकृतिक इम्युनिटी आएगी। हालांकि, बच्चों पर तीसरी लहर के असर को लेकर विशेषज्ञ बंटे हुए नजर आए। 40 में से 26 ने बताया कि बच्चे अधिक जोखिम में होंगे, जबकि शेष 14 ने कहा कि ऐसा नहीं होगा।
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