विपक्ष ने की नागालैंड की घटना पर उचित मुआवजे की मांग : संसद में गृहमंत्री का बयान, शाह ने जताया दुख, SIT से जांच के आदेश

विपक्ष ने की नागालैंड की घटना पर उचित मुआवजे की मांग : संसद में गृहमंत्री का बयान, शाह ने जताया दुख, SIT से जांच के आदेश

SIT 1 महिने में देगी मामले पर रिपोर्ट

नई दिल्ली।  कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने लोकसभा में सोमवार को शून्यकाल शुरू होने से पहले नागालैंड की घटना को दुखद करार देते हुए पीड़ित परिवारों को समुचित मुआवजा देने और जांच की अपील के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सदन में इस मुद्दे पर विस्तृत बयान देने की मांग की। 

नागालैंड की राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (एनडीपीपी) के तोखेहो येपथोमी में नागालैंड की घटना पर दु:ख जताते हुए कहा उचित मुआवजा देने की माँग की। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच की जाय तथा दोषियों को सख्त सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि सशत्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम ( एएफएसपीए) सुरक्षा बालों को आम नागरिकों को मारने का अधिकार नहीं देता है।

कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा की चार और पांच दिसम्बर को जो घटना हुई है वह नागालैंड और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए काला दिन है। उन्होंने इस घटना की ङ्क्षनदा करते हुए इलाक़े में शांति क़ायम करने की अपील की। वहां जिस प्रकार आम नागरिकों की हत्या की गई वह खुफिया तंत्र की विफलता है। पूर्वोत्तर राज्यों लगातार क़ानून व्यवस्था में गिरावट आ रही है। इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ ङ्क्षसह को सदन में वक्तव्य देना चाहिए।

द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि नागालैंड की घटना को निंदनीय करार देते हुए कहा की इसकी जांच होनी चाहिए था यह सुनिश्चित हो कि ऐसी घटना दोबारा ना हो। तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने नागालैंड ने जो हुआ वह बहुत गम्भीर है। इसने देश को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने मारे के लोगों के परिजनों को अधिकतम मुआवजा देने की मांग की।

शिव सेना के विनायक रावत ने कहा कि शनिवार को नागालैंड में जिस तरह की घटना हुई है वह बहुत दुखद है। आखिर खुफिया विभाग को ऐसी ग़लत जानकारी कैसे मिली जिससे यह दुखद घटना हुई। उन्होंने पीड़ति के परिवार को 25-25 लाख मुआवजा देने की मांग की।

जदयू के राजीव रंजन ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में जब शांति की पहल की जा रही है ऐसे में इस प्रकार की घटना बहुत दुखद है। गलत पहचान की वजह से आम लोगों के मारे जाने से लोगों में अविश्वास पैदा होगा। इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ ङ्क्षसह को सदन में वक्तव्य देना चाहिए। एनसीपी की सुप्रिया सुले ने इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सदन में वक्तव्य देने का आग्रह करते हुए प्रत्येक पीड़ति के परिजन को 60 लाख मुआवजा देने की मांग की।

इसी प्रकार वाईएसआर कांग्रेस के मिथुन रेड्डी, बसपा के रीतेश पाठक, कांग्रेस के प्रद्युत बारदोली, एआईएमआईएम  के असदउद्दीन ओवैसी और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बदरूद्दीन अजमल ने भी इस घटना को दुखद करार दिया और मुआवजे की मांग की।

संसद में नागालैंड फायरिंग के मामले पर गृहमंत्री का  बयान, अमित शाह ने जताया दुख, SIT 1 महिने में देगी मामले पर रिपोर्ट
गृहमंत्री अमित शाह ने नागालैंड में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंंत्रण में बताते हुए सोमावार को इस घटना पर खेद जताया और कहा कि उनकी सरकार इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है। शाह ने सोमवार को लोकसभा में इस बारे में वक्तव्य देते हुए कहा कि सरकार वहां हालात नियंत्रित कर माहौल को शांत करने का प्रयास कर रही है और इसके लिए वह खुद बराबर राज्य सरकार के संपर्क में हैं। केंद्र सरकार के पूर्वोत्तर मामलों के वरिष्ठ अधिकारी को घटना स्थल पर भेजा गया है। इसके साथ ही इस घटना की जांच के आदेश दिये गये हैं और एक माह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। घटना के बारे में विस्तृत विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि सेना को एक वाहन से उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिली थी इसलिए उसके कमांडो संदिग्ध जगह पर पहुंचे और वाहनों की चेङ्क्षकग करने लगे। वहां से गुजर रहे एक वाहन को जब रुकने का इशारा किया गया तो वाहन को रोकने की बजाय चालक उसे भगाने की कोशिश करने लगा।

उन्होंने कहा कि इस वाहन में उग्रवादियों के होने के संदेह के कारण सुरक्षा बल के जवानों ने वाहन पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस वाहन में आठ लोग सवार थे। गोलाबारी की घटना में आठ में से दो लोग घायह हो गये। बाद में वाहन में उग्रवादियों के होने की आशंका गलत पाई गई तो सेना के जवानों ने घायल लोगों को अस्पताल में पहुंचाया और उनका इलाज कराना शुरु किया। गृहमंत्री ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही कुछ स्थानीय लोग वहां एकत्र हो गये और सुरक्षा बल के वाहनों को क्षति पहुंचाने लगे। उन्होंने वहां आगजनी भी की और जवानों पर हमले किये जिसमें कई जवानों घायल हो गये। सुरक्षा बल के जवानों ने अपने बचाव में तथा भीड़ को तितर बितर करने के लिए गोली चलाई जिसमें सात और नागरिकों की मृत्यु हो गई तथा कुछ अन्य घायल हो गये।

उन्होंने बताया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक तथा आयुक्त ने घटना स्थल का दौरा किया। घटना को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज कर दी गई। इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल-एसआईटी का गठन किया गया है और उसे एक माह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। शाह ने कहा कि उपरोक्त घटना के बाद रविवार को मोन शहर में असम राइफल के कार्यालय में एक भीड़ ने तोडफ़ोड की और आग लगाई जिसके जवाब में जवानों को गोली चलानी पडी जिसमें एक और व्यक्ति की मृत्यु हो गई तथा एक  अन्य घायल हो गया। गृहमंत्री ने कहा कि सेना ने एक वक्तव्य में इस घटना में निर्दोष नागरिकों की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं।

 शाह ने कहा कि वह खुद घटना को लेकर प्रदेश सरकार के संपर्क में है और उन्होंने राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री से बात की है। गृहमंत्रालय ने भी राज्य के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक से बात की है। गृहमंत्रालय ने राज्य के पूर्वोत्तर मामलों के अपर सचिव को कोहिमा भेजा है जहां उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और सामान्य स्थिति बहाल करने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि नागालैंड की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और शांति तथा सौहार्द बनाए रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा ''केंद्र सरकार ने इस घटना पर खेद व्यक्त करती है और मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है।'' इससे पहले सुबह प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में विपक्ष के सदस्यों ने यह मामला उठाया और गृहमंत्री से इस संबंध में वक्तव्य देने की मांग की थी।


नागालैंड गोलीबारी की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हुई
 नागालैंड में मोन जिले के ओटिंग में शनिवार को हुयी गोलीबारी में मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी है। ओटिंग में शनिवार की घटना के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुयी है। इस घटना में दो और लोगों की मौत हो गयी, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी भी शामिल है।  रक्षा विभाग ने बताया कि विद्रोहियों के संभावित आंदोलन की विश्वस्त खुफिया जानकारी के आधार पर यह अभियान चलाया गया था। नागालैंड में मोन के तिरु में एक विशेष ऑपरेशन चलाने की योजना थी। उन्होंने कहा कि इस घटना के परिणाम पर खेद है। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है, जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने जानकारी दी कि इस घटना में सुरक्षा बल भी गंभीर रूप से जख्मी हैं जिनमें एक सैनिक की मौत हुयी है।

इस घटना के बाद गुस्साये लोगों ने मोन शहर में इकट्ठा होकर भीड़ ने असम राइफल्स के शिविर पर हमला कर दिया, जिसमें शिविर के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके बाद असम राइफल्स ने अपनी सुरक्षा के लिये गोलीबारी की, जिसमें एक नागरिक की मौत हो गयी और कई लोग घायल बताये जा रहे हैं। इस दौरान इलाके में धारा 144 लागू कर दी गयी है। जिला प्रशासन सभी गतिविधियों पर नजर रख रही है और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है। राज्य प्राधिकरण ने एहतियात के तौर पर राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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