345 राजनीतिक दल गायब : चुनाव आयोग को नहीं मिला इनका दफ्तर या ठिकाना अब आयोग ने लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया शुरू की

आयोग को सिर्फ कागज पर मिलीं 345 पार्टियां

345 राजनीतिक दल गायब : चुनाव आयोग को नहीं मिला इनका दफ्तर या ठिकाना अब आयोग ने लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया शुरू की

चुनाव आयोग ने 345 राजनीतिक दलों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। ये पार्टियां सिर्फ नाम की थीं, वह कागजों के अलावा कहीं दिखाई नहीं दे रही थीं।

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने 345 राजनीतिक दलों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। ये पार्टियां सिर्फ नाम की थीं, वह कागजों के अलावा कहीं दिखाई नहीं दे रही थीं। आयोग ने इन पार्टियों को अपनी लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनका कहना है कि इन पार्टियों के दफ्तर कहीं नहीं मिले। चुनाव आयोग के अनुसार, कई पार्टियां सिर्फ कागजों पर चल रही हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ सुखबीर सिंह संधू और डॉ विवेक जोशी ने मिलकर यह फैसला लिया है। पिछले छह सालों में इन 345 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल ने एक भी चुनाव नहीं लड़ा है। इनके दफ्तर भी कहीं नहीं मिले। इसलिए, आयोग ने इन्हें हटाने का फैसला किया है। आयोग ने एक प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी। ये 345 पार्टियां देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं।

आयोग को सिर्फ कागज पर मिलीं 345 पार्टियां
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में 2,800 से ज्यादा रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। आयोग ने देखा कि इनमें से कई पार्टियां जरूरी नियमों को पूरा नहीं कर रही हैं। एक आरयूपीपी बने रहने के लिए कुछ शर्तें होती हैं, जिन्हें पूरा करना जरूरी है। लेकिन, कई पार्टियां इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाईं। इसलिए, आयोग ने ऐसी पार्टियों की पहचान करने के लिए पूरे देश में जांच की। इस जांच में 345 पार्टियां ऐसी पाई गईं, जो नियमों का पालन नहीं कर रही थीं।

सभी संदिग्ध पार्टियों को जवाब का मौका दिया जाएगा
चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि किसी भी पार्टी को गलत तरीके से न हटाया जाए। इसलिए, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को कहा गया है कि वे इन पार्टियों को नोटिस भेजें। नोटिस में उनसे पूछा जाएगा कि उन्हें क्यों न हटाया जाए। आयोग ने कहा है कि नोटिस मिलने के बाद इन पार्टियों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। सीईओ इन पार्टियों की बात सुनेंगे। इसके बाद, चुनाव आयोग यह तय करेगा कि किस पार्टी को हटाना है और किसे नहीं। चुनाव आयोग का कहना है कि इन पार्टियों को संबंधित सीईओ द्वारा सुनवाई के माध्यम से एक अवसर दिया जाएगा। किसी भी आरयूपीपी को हटाने के संबंध में अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा।

आगे भी जारी रहेगी घोस्ट पार्टियों की तलाश की मुहिम
चुनाव आयोग इस कार्रवाई के जरिए राजनीतिक सिस्टम को साफ करना चाहता है। आयोग उन आरयूपीपीएस को हटाना चाहता है जिन्होंने 2019 से कोई लोकसभा, राज्य विधानसभा या उपचुनाव नहीं लड़ा है या फिर जिनके दफ्तर कहीं नहीं मिल रहे हैं। आयोग ने बताया कि यह कार्रवाई अभी शुरू हुई है। पहले चरण में 345 आरयूपीपी की पहचान की गई है। आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि राजनीतिक सिस्टम से ऐसी पार्टियों को हटाया जाए जो सिर्फ कागजों पर चल रही हैं और जिनका कोई काम नहीं है। आयोग ने कहा, इन 345 आरयूपीपी को इस अभ्यास के पहले चरण में पहचाना गया है, जिसे राजनीतिक प्रणाली को साफ करने के उद्देश्य से जारी रखा जाएगा।

Read More कोलकाता में बाबरी मस्जिद विवाद पर भड़के बागेश्वर बाबा, बोलें-''सनातनी चाहिए, तनातनी नहीं''

Post Comment

Comment List

Latest News

कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी वाड्रा का आरोप, बोलीं-सरकार खुद ही संसद नहीं चलाना चाहती, क्योंकि....जानें पूरा मामला कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी वाड्रा का आरोप, बोलीं-सरकार खुद ही संसद नहीं चलाना चाहती, क्योंकि....जानें पूरा मामला
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री ही संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं।...
मोदी पर विवादित नारा लगाने वाली मंजुलता मीना अपने बयान पर कायम, कहा- मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया
जेडीए द्वारा 16 से 24 दिसंबर तक होगा शहरी समस्या समाधान शिविर-2025 का आयोजन, लंबित मामलों का होगा निस्तारण
आम आदमी की जेब पर फिर पड़ेगी की महंगाई की मार, थोक मुद्रास्फीति की दर लगातार दूसरे महीने शून्य से नीचे
जयपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई : एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दो शातिर गिरफ्तार, बिना नंबर की क्रेटा कार व 49 हजार नकद बरामद
दरभंगा से लगातार हैं 6 बार के विधायक संजय सरावगी बने बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, जिम्मेदारी मिलते ही दिया संगठन को मजबूत करने का संदेश
कांग्रेस विधायक दल की बैठक कल, एक दिवसीय विशेष सत्र की रणनीति पर होगी चर्चा