मल्लिकार्जुन खड़गे के सरप्राइज वाले बयान के बाद उम्मीदवार को लेकर बढ़ी सियासी हलचल
तीन बार गैर कांग्रेसी सांसद चुने गए हैं
इस तिलिस्म को स्मृति इरानी ने तोड़ दिया। वर्ष 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा सीट से अब तक सिर्फ तीन बार गैर कांग्रेसी सांसद चुने गए हैं।
लखनऊ। अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सरप्राइज वाले बयान के बाद अमेठी में सियासी हलचल बढ़ गई है। दिल्ली दरबार में हुई मंत्रणा को 72 घंटे बीत चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक किसी के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है। इस हालात ने अमेठी को मंथन पर मजबूर कर दिया है। इन सबके बीच दिल्ली से अमेठी की हरेक राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है। हालांकि तीन मई को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय का अमेठी दौरा है। इस बीच कुछ राजनीतिक जानकार यह भी कह रहे हैं कि खड़गे की ओर से सरप्राइज का इशारा कुछ और ही इशारा कर रहा है। यह भी हो सकता है कि भाजपा से नाराज वरुण अमेठी से चुनाव लड़ें और राहुल के लिए रायबरेली का रण तैयार किया जाए। लेकिन इस चर्चा को कांग्रेस सिरे से खारिज कर रही है। यूं तो अमेठी गांधी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है, लेकिन 2019 में इस तिलिस्म को स्मृति इरानी ने तोड़ दिया। वर्ष 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा सीट से अब तक सिर्फ तीन बार गैर कांग्रेसी सांसद चुने गए हैं।
बीते चुनाव में राहुल गांधी की हार के बाद अब इस चुनाव में दावेदारी को लेकर कांग्रेस का मौन कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहा है। अब जब नामांकन में महज चार दिन शेष बचे हैं, इसके बाद भी यह तय नहीं हो सका है कि कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा। पार्टी कार्यकर्ता तैयारी तो कर रहे है, लेकिन अब पार्टी का मौन उनकी भी दुविधा बढ़ा रही है। अमेठी पर सीधे दिल्ली से नजर रखी जा रही है। वहां से एजेंसियों के फोन अमेठी के लोगों के पास आ रहे हैं। उनसे फीडबैक लिया जा रहा है। कहां, क्या माहौल है? कौन किसके साथ है? कौन नाराज है? किसके साथ जाने से क्या असर पड़ेगा? इन तमाम सवालों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

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