ओम बिरला से जापानी शिष्टमंडल की मुलाकात, नुकागा फुकुशिरो ने की आतंकवादी हमले की निंदा
आतंकवाद के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है
ओम बिरला को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में जापान के हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया। जापान आतंकवाद के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है।
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से जापानी शिष्टमंडल की संसद में मुलाक़ात हुई। जापान के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (ऊपरी सदन) के स्पीकर नुकागा फुकुशिरो के नेतृत्व में जापानी शिष्टमंडल की मुलाक़ात हुई। पिछले वर्ष भारतीय संसद के मानसून सत्र के दौरान भी लोक सभा अध्यक्ष बिरला और जापानी शिष्टमंडल की भेंट हुई थी। बिरला के साथ संसद भवन में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान जापान के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर नुकागा फुकुशिरो ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की और आतंकवाद के खात्मे के लिए भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। जापान के स्पीकर ने भारत की लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में जापान के हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया। जापान आतंकवाद के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है।
बिरला ने कहा कि आतंकवाद ऐसी वैश्विक चुनौती है, जिसका खात्मा करने के लिए विश्व के सभी लोकतान्त्रिक देशों को एक साथ आना ही होगा। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भारत और जापान की मित्रता वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए अनिवार्य है। क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर हमारी साझी चिंताएं हैं और हमारी साझी सोच है। पारस्परिक समझ पर आधारित हमारे संबंध सह-लाभकारी प्रगति के साथ-साथ Indo-Pacific क्षेत्र की शांति और स्थिरता की दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। बदलते परिप्रेक्ष्य में हमारी मित्रता ने अब रणनीतिक और वैश्विक सहयोग का रूप ले लिया है। भारत और जापान के बीच संस्कृति, परंपराओं और अध्यात्म से जुड़ी साझी विरासत है। मुझे प्रसन्नता है कि हर साल बड़ी संख्या में जापानी पर्यटक व तीर्थयात्री भारत आते हैं और बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों का भ्रमण करते हैं। इससे दोनों देशों के बीच People to People Connect को बढ़ावा मिला है।
पिछले वर्ष भारत ने संविधान निर्माण के 75 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा पूरी की।हमारे लोकतांत्रिक गणतंत्र की इस यात्रा में हमारे संविधान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संविधान के मार्गदर्शन में देश ने स्वतंत्रता के बाद व्यापक पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक बदलाव संभव किया है तथा लोक कल्याण से जुड़ी अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। इस दौरान हमने देश के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए कानून बनाए हैं तथा कार्यपालिका द्वारा उन्हें लागू कर व्यापक स्तर पर सामाजिक समावेशन सुनिश्चित किया गया है। भारतीय संसद ने अपनी कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता लाने तथा उसे जन-सुलभ एवं अधिक दक्ष बनाने के लिए Digital Technology तथा AI के प्रयोग को बढ़ाया है, जिनके सकारात्मक परिणाम आए हैं। हम अपने इन अनुभवों को जापान की संसद के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।

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