रेलवे ने चिनाब ब्रिज के आसपास के 73 गांवों को 225 किमी सड़कों से जोड़ा, पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय गांवों के लोगों का आवागमन सुगम हो गया
इस रेल परियोजना का पूरा होने से जल्द ही दिल्ली-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेनों की शुरुआत होगी, जिससे यात्रियों को तेज, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।
जम्मू। रेलवे न केवल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का पूरा किया, बल्कि रेल लाइन के आसपास के गांवों को सड़कों से भी जोड़ा है। अकेले चिनाब ब्रिज के आसपास के 73 गांवों में करीब 225 किलोमीटर सड़कें बनाई है। इन गांवों के लगभग डेढ़ लाख लोग लाभांवित हुए हैं। सड़कें बनाने से इन गांवों के लोगों का आवागमन सुगम हो गया। यानी कि रेल लाइन के आसपास के गांवों के लोगों को कई तरह के फायदे हो गए। यहां के लोगों की मानें तो चिनाब ब्रिज बनने से उनको नदी पार करने के लिए लम्बा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इससे यात्रा का समय और खर्च दोनों कम होगा। पहाड़ों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय व्यापार बढ़ेगा। किसान, दुकानदार और कारीगर आसानी से अपने उत्पाद दूर-दराज के बाजारों तक पहुंचा सकेंगे। जम्मू के रियासी जिले में बना दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेल पुल जल्द ही पर्यटन स्थल भी बनेगा। जम्मू में आने वाला हर कोई पर्यटक इस पुल को देखना चाहेगा। इस ब्रिज के आसपास सुन्दर प्राकृतिक दृश्य और ऐतिहासिक स्थान भी है, जहां पर्यटक आसानी से पहुंच पाएंगे। इससे पर्यटन बढ़गा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की लम्बाई करीब 272 किलोमीटर है। यह ब्रॉड गेज रेलवे लाइन कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है। इससे हर मौसम में सुगम और सुरक्षित आवागमन संभव होगा। इस रेल मार्ग के माध्यम से फल, सब्जियां और अन्य नाशवंत वस्तुएं तेजी से बाजारों तक पहुंचेगी, जिससे किसानों और व्यापारियों को बेहतर मूल्य और नए बाजार मिलेंगे। रेलवे के अफसरों का दावा है कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना ने अब तक 500 लाख से ज्यादा श्रम दिवसों का सृजन किया है, जिससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्षरूप से रोजगार मिला है। इस परियोजना से श्री माता वैष्णो देवी, अमरनाथ और गुलमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों तक रेल मार्ग से पहुंच आसान हो गई, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और तीर्थाटन को और बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से स्थानीय समुदायों का समग्र विकास हुआ है। परियोजना के तहत स्कूलों का निर्माण, अस्पतालों को चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति, महिलाओं के लिए प्रशिक्षण केन्द्र और जलापूर्ति जैसी सुविधाएं प्रदान की गई है। इस रेल परियोजना का पूरा होने से जल्द ही दिल्ली-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेनों की शुरुआत होगी, जिससे यात्रियों को तेज, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।
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