बॉलिंग और बैटिंग भी कर सकेगा इम्पैक्ट प्लेयर

घरेलू मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट से लागू होगा नया नियम, मैच के बीच बदला जा सकेगा खिलाड़ी

बॉलिंग और बैटिंग भी कर सकेगा इम्पैक्ट प्लेयर

आरसीए के एक सीनियर पदाधिकारी ने बताया कि नये नियमों के तहत टॉस से पहले टीमों को 11 प्लेयर के साथ ही चार इम्पैक्ट प्लेयर का नाम भी देना होगा।

जयपुर। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अब घरेलू मुश्ताक अली टी-20 प्रतियोगिता से नया नियम लागू करने जा रहा है। टी-20 टीमों को अब 4 एक्स्ट्रा प्लेयर्स रखने का ऑप्शन दिया जा सकता है, ताकि मैच के दौरान प्लेइंग इलेवन में बदलाव किया जा सके। प्लेइंग इलेवन में बदलाव के बाद लिए जाने वाले खिलाड़ी को इम्पैक्ट प्लेयर कहा जाएगा। इसका उपयोग दोनों टीमें मैच के दौरान एक ही बार कर सकेंगी। बीसीसीआई इस नियम को प्रयोग के तौर पर 11 अक्टूबर से शुरू हो रही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में लागू कर रहा है। बीसीसीआई की ओर से इस आशय का सर्कुलर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन समेत अपनी सभी सम्बद्ध इकाइयों को भेजा गया है।

टॉस के साथ ही देने होंगे चार इम्पैक्ट खिलाड़ियों के नाम
आरसीए के एक सीनियर पदाधिकारी ने बताया कि नये नियमों के तहत टॉस से पहले टीमों को 11 प्लेयर के साथ ही चार इम्पैक्ट प्लेयर का नाम भी देना होगा। इसकी जानकारी फील्ड अंपायर और फोर्थ अंपायर को देनी होगी। जिस खिलाड़ी को मैच के बीच में बाहर कर इम्पैक्ट खिलाड़ी को लाया जाएगा, उसको पूरे मैच में दोबारा ग्राउंड के अंदर नहीं लाया जा सकेगा। वह अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में भी फील्डिंग नहीं कर सकता।

ब्रेक के दौरान बदला जा सकेगा खिलाड़ी
बल्लेबाजी टीम विकेट गिरने या ब्रेक के दौरान इंपैक्ट खिलाड़ी का उपयोग कर सकेगी। उसे बैटिंग के लिए भेज सकेगी, लेकिन जिस खिलाड़ी के बदले वह शामिल होगा, वह मैच में फील्डिंग के दौरान भी नहीं आ सकेगा। इसी तरह कोई टीम गेंदबाजी के दौरान किसी ऐसे गेंदबाज के बदले में इम्पैक्ट प्लेयर को लाती है, जो अपने पूरे ओवर भी कर चुका है, तो इसका प्रभाव इम्पैक्ट प्लेयर पर नहीं पड़ेगा। इम्पैक्ट प्लेयर भी 4 ओवर गेंदबाजी कर सकेगा। 

अभी 12वां खिलाड़ी सिर्फ फील्डिंग कर सकता है
अभी टी-20 में टीमों को प्लेइंग इलेवन के खिलाड़ियों के साथ ही 12वें खिलाड़ी का नाम भी देना होता है। 12वें खिलाड़ी का उपयोग फील्डिंग के दौरान टीमें करती हैं, लेकिन 12वां खिलाड़ी न तो बल्लेबाजी और न गेंदबाजी और न ही विकेटकीपिंग कर सकता है। आॅस्ट्रेलिया की टी-20 लीग बिग बैश में एक्स फैक्टर नाम से इम्पैक्ट प्लेयर का नियम पहले से लागू है। इसमें हर टीम पहली पारी के 10वें ओवर से पहले 12वें या 13वें खिलाड़ी को प्लेइंग 11 में शामिल कर सकती है। 

2005 में आया था सुपर सब का नियम, जो महज 9 महीने चला
आईसीसी ने 2005 में एक सुपर सब नियम लागू किया था। इसके तहत टीमों को 12वां खिलाड़ी रखने की अनुमति थी। टीमें मैच के दौरान प्लेइंग इलेवन में किसी एक खिलाड़ी की जगह पर उसका उपयोग कर सकती थीं। इस नियम के तहत सुपर सब को केवल एक ही चीज करने की अनुमति होती थी। यानी सुपर सब किसी बल्लेबाज के बदले लाया गया है तो वह बल्लेबाजी कर सकता था। गेंदबाजी नहीं कर सकता था। अगर गेंदबाज के तौर पर शामिल किया गया है तो वह केवल गेंदबाजी ही कर सकता था। उसे फील्डिंग करने की अनुमति नहीं थी। इस नियम को 9 महीने बाद ही खत्म कर दिया था।

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