Olympics 2024: खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह भी ओलंपिक में बन चुके हैं भारतीय दल के ध्वजवाहक

पेरिस ओलंपिक का आयोजन 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होगा

Olympics 2024: खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह भी ओलंपिक में बन चुके हैं भारतीय दल के ध्वजवाहक

भारत के ओलंपिक इतिहास में पूर्व हॉकी कप्तान बलवीर सिंह सीनियर अकेले ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्हें दो बार ओलंपिक खेलों में ध्वजवाहक बनने का गौरव प्राप्त हुआ।

जयपुर। राजस्थान के खेलमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ प्रदेश के अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें प्रतिष्ठित ओलंपिक खेलों में भारतीय दल का ध्वजवाहक बनने का गौरव हासिल हुआ है। 2004 के एथेंस ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी की डबल ट्रेप स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों में यह सम्मान मिला। राज्यवर्धन सिंह ने सौ से ज्यादा सदस्यों के भारतीय दल की अगुवाई की। भारतीय दल में तब 57 एथलीट और 42 अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ के सदस्य शामिल थे। राज्यवर्धन सिंह वर्तमान में राजस्थान सरकार में खेलमंत्री हैं। वे केन्द्र सरकार में भी खेल मंत्रालय संभाल चुके हैं। 

भारत ने जीता पहला स्वर्ण
2008 के बीजिंग ओलंपिक खेल भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुए। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जहां निशानेबाजी में एथेंस में देश के लिए पहला व्यक्तिगत रजत पदक हासिल किया, वहीं बीजिंग में एक और निशानेबाज अभिनव बिन्द्रा ने पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीत नया इतिहास रच दिया। बिन्द्रा ने पुरुषों की दस मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा पहलवान सुशील कुमार और मुक्केबाज विजेन्द्र सिंह ने अपनी- अपनी स्पर्धाओं में देश के लिए कांस्य पदक जीते। 

पेरिस में सिंधू और शरथ होंगे ध्वजवाहक
ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर अपने देश का ध्वजवाहक बनना किसी भी खिलाड़ी के लिए गौरव की बात होती है। पेरिस ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू और देश के महान टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरथ कमल भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे। वहीं 2012 लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग को पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय दल का शेफ-डे-मिशन चुना गया है। 

बलवीर सिंह बने हैं दो बार ध्वजवाहक
भारत के ओलंपिक इतिहास में पूर्व हॉकी कप्तान बलवीर सिंह सीनियर अकेले ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्हें दो बार ओलंपिक खेलों में ध्वजवाहक बनने का गौरव प्राप्त हुआ। बलवीर सिंह 1952 और 1956 के ओलंपिक में भारत के ध्वजवाहक बने। 1920 में पूर्मा बनर्जी, 1932 में लाल शाह भोकारी, 1936 में मेजर ध्यानचंद, 1948 में तालिमेरेन, 1964 में गुरबचन सिंह रंधावा, 1972 में डेसमंड नेविल डिवाइन जोन्स, 1984 में जफर इकबाल, 1988 में करतार सिंह, 1992 में शाहिनी विल्सन, 1996 में परगट सिंह, 2000 में लिएंडर पेस, 2004 में अंजू बॉबी जॉर्ज,  2008 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़, 2012 में सुशील कुमार, 2016 में अभिनव बिन्द्रा, 2020 ओलंपिक खेलों में मैरी कॉम और मनप्रीत सिंह भारत के ध्वजवाहक बने हैं।

Read More भारतीय फुटबाल महासंघ की आई लीग, आरयूएफसी व इंटर काशी के मध्य अहम मुकाबला आज 

पेरिस ओलंपिक 2024 के ध्वजवाहक
पेरिस ओलंपिक का आयोजन 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होगा, जिसमें पीवी सिंधू, ए. शरत कमल के साथ उद्घाटन समारोह में महिला ध्वजवाहक होंगी। गगन नारंग को भारतीय दल के शेफ-डी-मिशन के रूप में एमसी मैरी कॉम की जगह चुना गया है।

Read More खेल प्रबंधक की मॉनिटरिंग के लिए लगाई ड्यूटी, खोल दी खेल परिषद की व्यवस्थाओं की पोल, कर दी स्टेडियम की दुर्दशा की हकीकत बयां

Post Comment

Comment List

Latest News

भ्रष्टाचार से टूटी रफ्तार, दो माह शेष 45 फीसदी काम बाकी, केन्द्र से 2026 तक अवधि बढ़ाने का आग्रह भ्रष्टाचार से टूटी रफ्तार, दो माह शेष 45 फीसदी काम बाकी, केन्द्र से 2026 तक अवधि बढ़ाने का आग्रह
मिशन के तहत अब तक 55.25 फीसदी काम हुआ है।
आज का भविष्यफल     
आयुष्मान टावर में लगी आग, बड़ा हादसा टला, चिकित्सा मंत्री भी पहुंचे मौके पर
प्रदेश में अवैध निर्माणों को लेकर मांगा जवाब, अतिक्रमण करने वालों पर की जाए कार्रवाई : हाईकोर्ट
किरोड़ी मीणा की छुट्टी पर सियासत : जूली ने भाजपा में गुट के लगाए आरोप, कहा - भाजपा नेता पहले अपने अंदर झांके
दिनदहाडे घर में चोरी की वारदात : काम पर गया था पीड़ित युवक, पत्नी वापस आई तो घर का ताला टूटा मिला; अलमारी खोलने पर गायब मिले हजारों रुपए
इसरो ने रचा इतिहास : अंतरिक्ष में लगाया शतक, एनवीएस-02 मिशन सफल