बंगाल की एसआईआर ड्राफ्ट सूची से कटे 58 लाख नाम, ECI ने जारी की लिस्ट, सियासी हंगामें के आसार
पश्चिम बंगाल में 58 लाख वोटरों के नाम ड्राफ्ट सूची से हटे
2026 विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के तहत करीब 58.20 लाख वोटरों के नाम ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल से हटाए गए हैं। इनमें मृत, लापता, ट्रांसफर और डुप्लीकेट मतदाता शामिल हैं। अंतिम सूची फरवरी में जारी होगी।
कोलकाता। आगामी साल 2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले मंगलवार सुबह चुनाव आयोग ने एसआईआर ड्राफ्ट सूची से उन मतदाताओं के नाम काट दिए हैं जिन्हे 2026 की ड्राफ्ट इलेक्टरोल रोल से हटा दिया गया है। इसको लेकर चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर आधिकारिक सूची भी जारी कर दी है। बता दें कि ये सभी नाम 2025 की मतदाता सूची में भी थे, लेकिन इस बार इनको एसआईआर सूची से हटा दिया गया है। पश्चिम बंगाल के चुनाव अधिकारी के अनुसार, ड्राफ्ट सूची से करीब 5820898 वोटरों के नामों को काटा गया है, जिनमें 2416852 मृत वोटर, 1220038 लापता वोटर, 1988076 ट्रांसफर वोटर, 138328 डुप्लीकेट वोटर और 57604 अन्य वोटरों के नाम शामिल है। चुनाव अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल में 27 अक्टूबर तक वोटरों की संख्या करीब 76637529 थी।
पश्चिम बंगाल चुनाव अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये कदम स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन 2026 के तहत उठाया गया है। इसके आगे बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में 44787, नंदीग्राम में 10599, चौरंगी में 74553, जोड़ासांको में 72400, कोलकाता पोर्ट में 63730 वोटरों के नाम इस सूची ने हटाए गए हैं। हाल ही में, 11 दिसंबर को पश्चिम बंगाल में एसआईआर का पहला फेज खत्म हुआ है और अब आज यानी 16 दिसंबर से इसका दूसरा फेल शुरू होगा। बता दें कि इस सूची को लेकर 31 जनवरी तक आपत्तियां दर्ज करवाई जा सकती है, जिसके बाद फरवरी में फाइनल सूची जारी की जाएगी।
पश्चिम बंगाल SIR पर्यवेक्षक के लिए नियुक्त सुब्रत गुप्त ने जानकारी देते बताया कि इस सूची से करीब 58 लाख वोटरों के नामों को काटा गया है जबकि करीब 1 करोड़ 35 लाख से ज्यादा लोगों के फॉर्म में गडबड़ी मिली है। इसलिए अभी इन सभी फार्मो को अच्छी तरह से चेक किया जाना बाकी है, उसके बाद राज्य चुनाव आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट पर फाइनल लिस्ट देख सकते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भबानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी के नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र की तुलना में काफी अधिक उम्मीदवार हटाए जाने के लिए चिन्हित किए गए हैं जिससे 2021 के विधानसभा चुनाव की यादें ताजा हो गई हैं, जिसमें दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। मतदाता सूची जारी होने से पहले ही, पिछले सप्ताह प्रकाशित निर्वाचन क्षेत्रवार हटाए गए उम्मीदवारों के आंकड़ों ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है।
चुनाव अधिकारियों ने हालांकि, कहा कि भबानीपुर सबसे अधिक प्रभावित सीट नहीं है बल्कि उत्तरी कोलकाता का चौरंगी सबसे अधिक प्रभावित सीट है, उसके बाद कोलकाता पोर्ट और टॉलीगंज का स्थान है।
आसनसोल दक्षिण और सिलीगुड़ी जैसी भाजपा नियंत्रित सीटों पर भी काफी संख्या में मतदाताओं का नाम शामिल हैं। जिलेवार देखें तो दक्षिण 24 परगना सबसे ज्यादा प्रभावित है जबकि बांकुरा जिले का कोतुलपुर में सबसे कम। एसआईआर के दौरान पूरे राज्य में 90,000 से अधिक बीएलओ तैनात किए गए। इस संशोधन की तुलना बिहार से की जा रही है जहां इसी वर्ष की शुरुआत में इसी तरह का एक एसआईआर हुआ था जिसके कारण लगभग 65 लाख नाम मसौदा सूची से बाहर किए गए थे जिसका भारी राजनीतिक विरोध हुआ था।

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