बांग्लादेश ने भारतीय सीमा पर तैनात किया तुर्की का किलर ड्रोन बायरकतार
इस ड्रोन को दुनिया के 33 से ज्यादा देश इस्तेमाल कर रहे हैं
इन ड्रोन को अब बांग्लादेश की वायुसेना उड़ा रही है और सीमा पर जासूसी और निगरानी के लिए इस्तेमाल कर रही है।
ढाका। भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच बांग्लादेश की सेना ने पश्चिम बंगाल से लगती सीमा पर अपना बायरकतार टीबी-2 किलर ड्रोन तैनात किया है। बांग्लादेशी सेना की इस तैनाती से इलाके में तनाव बढ़ गया है। यह पूरा इलाका भारत के चिकन नेक के करीब है, और बेहद संवेदनशील माना जाता है। तुर्की का टीबी-2 ड्रोन काफी शक्तिशाली है, जो हमला करने के अलावा जासूसी करने में भी माहिर है।
बांग्लादेशी सेना की इस तैनाती से भारत के साथ जमीन के साथ-साथ हवा में भी तनाव बढ़ गया है। इससे पहले एक बांग्लादेशी प्रोफेसर ने सरकार को सलाह दी थी कि वह पाकिस्तान से जेएफ-17 फाइटर जेट खरीदे और पूर्वोत्तर में भारत के विद्रोहियों को मदद दे। रक्षा मामलों की वेबसाइट आईटीआरडब्ल्यू ने टीबी 2 ड्रोन के भारतीय सीमा के पास तैनाती की जानकारी दी है।
सोशल मीडिया में भी कई ऐसी पोस्ट की गईं जिसमें टीबी 2 के भारतीय सीमा के पास तैनात किए जाने का दावा किया गया है। बांग्लादेश ने तुर्की से 12 टीबी-2 ड्रोन खरीदे हैं, जिसमें से उसे एक 6 पहले ही मिल चुका है। इन ड्रोन को अब बांग्लादेश की वायुसेना उड़ा रही है, और सीमा पर जासूसी और निगरानी के लिए इस्तेमाल कर रही है। तुर्की के इस किलर ड्रोन को बांग्लादेश के अलावा भारत के दो अन्य पड़ोसियों पाकिस्तान और मालदीव ने भी खरीदा है।
टैंक से लेकर तोप तक तबाह कर सकता है
पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी स्वदेशी बुरक एयर टु सरफेस मिसाइल को बायरकतार टीबी 2 ड्रोन में फिट किया है। इस ड्रोन को दुनिया के 33 से ज्यादा देश इस्तेमाल कर रहे हैं, और यूक्रेन से लेकर आर्मीनिया अजरबैजान की लड़ाई में इस हमलावर ड्रोन ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। इसके बाद बांग्लादेश की सेना ने भी तुर्की से इस टीबी 2 ड्रोन के लिए समझौता किया था। जब यह समझौता हुआ था, उस समय शेख हसीना ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं जो अभी भारत में शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश की सेना तुर्की से बारुदी सुरंग से बचाने वाला वाहन, रॉकेट डिफेंस सिस्टम और हथियारबंद वाहन खरीद चुकी है। यूक्रेन युद्ध के बाद से ही तुर्की के इस ड्रोन की दुनियाभर में डिमांड बढ़ गई है। इस ड्रोन ने युद्ध का नक्शा बदल दिया है। हालांकि अब रूसी सेना ने इसका तोड़ निकाल लिया है, और कई ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है। टीबी-2 ड्रोन 40 फुट के होते हैं और 25 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं। ये टैंक और तोपों को अपने लेजर गाइडेड बम की मदद से तबाह करने की क्षमता रखते हैं। इसने रूस की सेना को काफी नुकसान पहुंचाया है।
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