''धर्मेंद्र'' एक युग का अंत: पंजाब में हुआ जन्म, वह कौन सी थी फिल्म जिससे रातोंरात बने स्टार; जानें बॉलीवुड के "हीमैन" बनने का पूरा सफर
बॉलीवुड के ही-मैन का शानदार सफर
भारतीय सिनेमा के दिग्गज धर्मेंद्र ने पांच दशकों में 300 से अधिक फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता। पद्म भूषण और फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट से सम्मानित धर्मेंद्र ने राजनीति में भी बीकानेर से सांसद रहकर योगदान दिया। उनकी जोड़ी हेमा मालिनी संग बेहद लोकप्रिय रही।
मुंबई। फिल्म अभिनेता धर्म सिंह देओल का को धर्मेंद्र के नाम से जाना जाता है। वह एक भारतीय अभिनेता, निर्माता और राजनीतिज्ञ हैं, वह लोकसभा क्षेत्र बीकानेर के सासंद रहे हैं। धर्मेंद्र हिंदी फिल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। बॉलीवुड के "ही-मैन" के रूप में जाने जाने वाले धर्मेंद्र ने 5 दशकों के करियर में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है। 1997 में उन्हें हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला। वह भारत की 15 वीं लोकसभा के सदस्य थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से राजस्थान में बीकानेर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। 2012 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के साहनेवाल गांव में एक जाट सिख परिवार में किशन सिंह देओल और सतवंत कौर के घर हुआ था। उनका पुश्तैनी गांव डांगो, पखोवाल तहसील रायकोट, लुधियाना के पास है। उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन साहनेवाल गाँव में बिताया और लुधियाना के गांव ललतों में सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अध्ययन किया।
हेला मालिनी से शादी
धर्मेंद्र की पहली शादी 1954 में 19 साल की उम्र में प्रकाश कौर से हुई थी । इस शादी से उनके दो बेटे थे, सनी और बॉबी, दोनों सफल फिल्म अभिनेता, और दो बेटियां, विजेता और अजीता। उनके भतीजे अभय देओल भी एक अभिनेता हैं। बॉम्बे जाने और फिल्म व्यवसाय में आने के बाद धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी से शादी कर ली। उन्होंने और हेमा मालिनी ने 1970 के दशक की शुरुआत में कई फिल्मों में एक साथ अभिनय किया, जिसमें शोले भी शामिल है। दंपति की दो बेटियां हैं, ईशा देओल और अहाना देओल है।
हेमा मालिनी के साथ अभिनय
उनकी सबसे सफल जोड़ी हेमा मालिनी के साथ थी, जो आगे चलकर उनकी पत्नी बनीं। इस जोड़ी ने सीता और गीता, शराफत, नया जमाना, पत्थर और पायल, तुम हसीन मैं जवान, जुगनू, दोस्त, चरस, मां, चाचा भतीजा, आजाद और शोले सहित कई फिल्मों में एक साथ काम किया। उनके सबसे उल्लेखनीय अभिनय प्रदर्शनों में हृषिकेश मुखर्जी के साथ सत्यकाम, और शोले शामिल हैं, जिसे इंडियाटाइम्स द्वारा "सभी समय की शीर्ष 25 बॉलीवुड फिल्मों को देखना चाहिए" में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 2005 में, 50वें वार्षिक फिल्मफेयर पुरस्कारों के न्यायाधीशों ने शोले को 50 वर्षों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के फिल्मफेयर के विशेष सम्मान से सम्मानित किया।
राजनीतिक करियर
धर्मेंद्र ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से 2004 से 2009 तक राजस्थान में बीकानेर का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय संसद (लोकसभा) के सदस्य के रूप में कार्य किया। फिल्मों की शूटिंग और अपने फार्म हाउस में खेत का काम करने में समय बिताना पसंद करते थे।
सनी देओल को किया लॉन्च
धर्मेंद्र ने 1983 में एक प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की, जिसे विजयता फिल्म्स के नाम से जाना जाता है। 1983 में रिलीज़ हुई अपने पहले उद्यम बेताब में, विजयता फिल्म्स ने मुख्य अभिनेता के रूप में सनी देओल को लॉन्च किया। यह फिल्म साल की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। 1990 में उन्होंने एक्शन फिल्म घायल का निर्माण किया, जिसमें सनी ने भी अभिनय किया। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार सहित सात फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। इसने संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।
इस फिल्म से रातोंरात स्टार बने धर्मेंद्र
धर्मेंद्र के लिए उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट जो फिल्म बनी वह ‘फूल और पत्थर(1966)’ थी। इस फिल्म में उन्होंने एक्शन हीरो के रूप में किरदार निभाया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया और वह रातोंरात स्टार बन गए। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पहला फिल्मफेयर नामांकन मिला।
फिल्म पुरस्कार
धर्मेंद्र फिल्मफेयर पत्रिका के राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित नए प्रतिभा पुरस्कार के विजेता थे और पुरस्कार विजेता होने के नाते, फिल्म में काम करने के लिए पंजाब से मुंबई गए, लेकिन फिल्म कभी नहीं बनी। बाद में उन्होंने 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की दिल भी तेरा हम भी तेरे के साथ अपनी शुरुआत की। 1961 में फिल्म बॉय फ्रेंड में उनकी सहायक भूमिका थी और 1960 और 1967 के बीच कई फिल्मों में उन्हें रोमांटिक रुचि के रूप में लिया गया था।
सुरैया के बहुत बड़े फैन थे धर्मेन्द्र
बॉलीवुड के ही मैन धर्मेन्द्र, अभिनेत्री-गायिका सुरैया के बहुत बड़े फैन थे और उन्होंने उनकी फिल्म दिल्लगी 40 बार देखी थी। अपने चाहने वालों, खासकर महिलाओं के दिलों की धड़कन थे। महिलाएं उनके आकर्षक लुक और पर्सनैलिटी की दीवानी थीं। कई अभिनेत्रियाँ भी उन्हें दिल से पसंद करती थीं। हालांकि, अपनी युवावस्था में धर्मेन्द्र बहुत बड़े फैन थे। धर्मेंद्र ने स्वीकार किया था कि, सुरैया को देखकर ही उन्हें फिल्मों में आने की प्रेरणा मिली। धर्मेंद्र ने एक बार खुलासा किया था कि, वह सुरैया की खूबसूरती से इतने मंत्रमुग्ध थे कि, उन्होंने उनकी फिल्म दिल्लगी 40 बार देखी थी। धर्मेंद्र ने बताया था कि, वह सुरैया की फिल्में देखने का मौका पाने के लिए एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करते थे।
धर्मेंद्र के कपड़े चुरा कर जरूरतमंद लोगों को देती थी उनकी मां
बॉलीवुड के ही मैन धर्मेन्द्र की मां सतवंत कौर उनके कपड़े चुरा कर जरूरतमंद लोगों को दिया करती थी। धर्मेंद्र के जितने करीब उनके बच्चे रहे हैं, उतने ही करीब धर्मेंद्र भी अपने माता-पिता के थे। धर्मेन्द्र एक बार अपनी मां सतवंत कौर को याद करके भावुक हो गये थे। धर्मेन्द्र ने सोशल मीडिया पर एक बार अपनी मां से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा फैंस को सुनाया था। धर्मेन्द्र अक्सर सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वडियो पोस्ट करते रहते थे। एक बार उन्होंने अपनी मां सतवंत कौर को लेकर बात की थी और बताया था कि, उनकी मां उनके कपड़े चुरा लेती थीं. लेकिन, इसका इस्तेमाल वो नेक काम में करती थी।
धर्मेंद्र ने एक बार सोशल मीडिया पर मां को लेकर बात करते हुए बताया था कि, उनकी मां उनके कपड़े अपने गांव में जरूरतमंद लोगों को दे देती थी। धर्मेन्द्र से उनसे उनकी मां कहा करती थी कि, तू इतने कपड़ों का क्या करेगा। धर्मेंद्र ने बताया था कि, मैं सनी से पूछता था कि ये पैंट कहां है. सनी कहता था-बीजी ले गई। मैं जब पंजाब में कहीं जाता था तो, वो वहां के लोग मुझे बोलते थे कि, पाजी आपका कोट है। मेरी मां बहुत महान थी।

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