केंद्र सरकार का दावा: भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों में आई 5% की कमी, विदेशों से हो रहा भारतीयों का मोहभंग
सरकार ने बताया—धोखाधड़ी मामलों से बढ़ी जागरूकता
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि विदेशों में नौकरी के बढ़ते अवसरों के बावजूद धोखाधड़ी मामलों में बढ़ोतरी से भारतीय अब अधिक सतर्क हो गए हैं। इसका परिणाम है कि 2024 में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या घटकर 2,06,378 रह गई, जो 2023 के 2,16,219 और 2022 के 2,25,620 से कम है।
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने दावा करते हुए कहा कि अब धीरे धीरे भारतीयों का विदेशों से मोहभंग होता जा रहा है। हालांकि, भारतीयों में विदेशों में नौकरी करने की रूची में दिनों दिन बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन लगातार हो रही धोेखाधड़ी के कारण भारतीय अब ज्यादा जागरूक हो गए हैं और इसका नतीजा है कि भारतीयों के भारत छोड़ने की संख्या में करीब 5 प्रतिशत की कमी हुई है। केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि साल 2024 में करीब 2,06,378 लोगों ने भारतीय नागरिकता को छोड़ा था, जबकि साल 2023 में 2,16,219 और साल 2022 में 2,25,620 लोगों ने।
इसके आगे राज्यसभा में लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि पिछले 5 सालों में करीब 9 लाख भारतीयों ने भारत की नागरिकता को छोड़ा है। कीर्ति वर्धन सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार ने ऐसी कई कंपनियों को नोटिस जारी किया है जिन्होंने नौकरी के झूठे दावे किए थे। इसके आगे कीर्ति वधर्न ने कहा कि करीब 6700 भारतीयों को ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बचाया भी गया है। कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि साल 2024 से 2025 के बीच विदेश मंत्रालय को कुल 16,127 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से करीब 11,195 शिकायतें मदद पोर्टल और 4,932 शिकायतें सीपीग्राम्स के माध्यम से दर्ज की गई थी। इससे पहले साल 2011 से 2019 के बीच 11,89,194 लोगों ने, 2011 में 1,22,819 लोगों ने 2012 में 1,20,923 लोगों ने, 2013 में 1,31,405 लोगों ने, 2014 में 1,29,328 लोगों ने, 2015 में 1,31,489 लोगों ने, 2016 में 1,41,603 लोगों ने, 2017 में 1,33,049 लोगों ने, 2018 में 1,34,561 और 2019 में 1,44,017 लोगों ने भारतीय नागरिकता को छोड़ा।
कब कितने भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता?
2022- 2,25,620
20230- 2,16,219
2024- 2,06,378

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