आयातित पुर्जे जोड़कर निर्माण की हकीकत बदलना जरूरी : बदलनी चाहिए स्थिति, राहुल गांधी ने कहा- यह मेक इन इंडिया नहीं
सब वस्तुओं का निर्माण हो इसके लिए हालात में बदलाव जरूरी है
गांधी ने कहा कि इसके लिए देश में बदलाव जरूरी है। इस स्थिति में बदलाव आना जरूरी है। देश को बदलाव चाहिए, ताकि भारत असेंबली लाइन से निकलकर असली मैन्युफैक्चरिंग पावर बने और चीन को बराबरी की टक्कर दे सके।
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आयातित पुर्जे असेंबल करके टीवी, मोबाइल बनाने की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मेक इन इंडिया नहीं है। इसलिए निर्माण की इस हकीकत को बदलना जरूरी है। गांधी ने कहा कि टीवी मोबाइल आदि के 80 फ़ीसदी पुर्जे विदेश से आयात करके देश में असेंबल होते हैं। यह स्थिति बदलनी चाहिए और देश में ही इन सब वस्तुओं का निर्माण हो इसके लिए हालात में बदलाव जरूरी है।
उन्होंने कहा कि क्या आप जानते हैं कि भारत में बने ज्यादातर टीवी का 80 प्रतिशत हिस्सा चीन से आता है। मेक इन इंडिया के नाम पर हम सिर्फ असेंबल कर रहे हैं-असली निर्माण नहीं। आईफोन से लेकर टीवी तक - पुर्जे विदेश से आते हैं, हम बस जोड़ते हैं। छोटे उद्यमी निर्माण करना चाहते हैं, लेकिन न नीति है, न सपोर्ट। उल्टा, भारी टैक्स और चुने हुए कॉरपोरेर्ट्स का एकाधिकार - जिसने देश के उद्योग को जकड़ रखा है। जब तक भारत उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं बनता, रोजगार, विकास और'मेक इन इंडिया की बातें सिर्फ भाषण रहेंगी। गांधी ने कहा कि इसके लिए देश में बदलाव जरूरी है। इस स्थिति में बदलाव आना जरूरी है। देश को बदलाव चाहिए, ताकि भारत असेंबली लाइन से निकलकर असली मैन्युफैक्चरिंग पावर बने और चीन को बराबरी की टक्कर दे सके।

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