स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन रक्षा उपक्रमों की विश्वसनीयता का प्रमाण, राजनाथ सिंह ने कहा- हमारे सभी उपक्रम आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ के रूप में कर रहे काम
सिंह ने सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के विजन में रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों की भूमिका अहम है। उन्होंने चार उपक्रमों — मुनिशन्स इंडिया, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम, इंडिया ऑप्टेल और हिंदुस्तान शिपयार्ड — को मिनीरत्न दर्जा मिलने पर सम्मानित किया। सिंह ने बताया कि 2024-25 में 1.51 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन में 71.6% योगदान सार्वजनिक उपक्रमों का रहा।
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाने में रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के योगदान की सराहना करते हुए कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी प्लेटफार्मो का उत्कृष्ट प्रदर्शन इन उपक्रमों की विश्वसनीयता और क्षमता को साबित करता है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में 1.51 लाख करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादन में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का योगदान 71.6 प्रतिशत था।
सिंह ने सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया और इन उपक्रमों के कामकाज की व्यापक समीक्षा की। साथ ही उन्होंने चार उपक्रमों मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड , आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड , इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड और हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ) को मिनीरत्न (श्रेणी-ढ्ढ) का दर्जा हासिल करने पर सम्मानित किया।
रक्षा मंत्री ने देश के रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम को मजबूत करने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाने में इन उपक्रमों के निरंतर योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे सभी 16 उपक्रम देश की आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ के रूप में काम कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे ऑपरेशनों में उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन हमारे स्वदेशी प्लेटफार्मों की विश्वसनीयता और क्षमता को साबित करता है।
सिंह ने चार उपक्रमों के मिनीरत्न का दर्जा हासिल करने को रक्षा क्षेत्र में उनकी बढ़ती दक्षता, स्वायत्तता और योगदान का प्रतीक बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2021 में ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड को सात नए उपक्रमों में बदलने से कामकाज की अधिक स्वतंत्रता, नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढावा मिला है। रक्षा मंत्री ने कहा कि अब ये चारों उपक्रम क्षमता विस्तार, आधुनिकीकरण , नए उद्यमों और सहयोगों को शुरू करने में सक्षम होंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 1.51 लाख करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन हासिल किया, जिसमें रक्षा उपक्रमों का योगदान 71.6 प्रतिशत था। रक्षा निर्यात 6,695 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो भारत के स्वदेशी प्रणालियों में वैश्विक विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा उत्पादों को वैश्विक सम्मान मिल रहा है।

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