एशिया प्रशांत क्षेत्र में आसियान की भूमिका को समर्थन देता है भारत : धनखड़
सहयोग को मजबूत बनाने पर बल दिया
धनकड़ यहां भारत आसियान 19वीं शिखर बैठक संबोधित कर रहे थे। इस शिखर बैठक को भारत आसियान संबंध के 30 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्मृति शिखर सम्मेलन के रूप में देखा जा रहा है।
नामपेन्ह। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के बीच रणनीतिक विश्वास तथा सहयोग को मजबूत और विस्तृत बनाने पर बल दिया। धनखड़ ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में आसियान की केंद्रीय भूमिका को भारत समर्थन देता है। धनखड़ यहां भारत आसियान 19वीं शिखर बैठक संबोधित कर रहे थे। इस शिखर बैठक को भारत आसियान संबंध के 30 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्मृति शिखर सम्मेलन के रूप में देखा जा रहा है। इसका आयोजन आसियान की 40 और 41 में शिखर बैठक के साथ हो रहा है। इस बैठक में भाग लेने के लिए धनखड़ के नेतृत्व में भारत का प्रतिनिधिमंडल कल यहां पहुंचा। धनखड़ ने कहा कि हम भविष्य की ओर देखते है, तो इस क्षेत्र का राजनीतिक परिदृश्य निश्चित दिखता है। इस स्थिति से निकलने के लिए भारत -आसियान सहयोग का विस्तार होना चाहिए। रणनीतिक विश्वास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत-आसियान सहयोग का विस्तार होना चाहिए। रणनीतिक विश्वास होना चाहिए। इस विषय में भारत आसियान के बीच की रणनीतिक भागीदारी का भूमिका का महत्व और बढ़ गया है।
भारत आसियान के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। भारत आसियान को क्षेत्रीय और वैश्विक व्यवस्था के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देखता है। धड़कड़ ने कहा कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उभर रही नई व्यवस्था और समीकरणों के बीच आसियान के केंद्रीय अस्थान का समर्थन करता है। आसियान देश भारत की एक्ट ईस्ट नीति में केंद्रीय स्तंभ हैं। सांस्कृतिक आर्थिक और सभ्यता के क्षेत्र में आसियान देशों के साथ भारत के संबंध आदिकाल से चले आ रहे है। इससे हमें आधुनिक युग में आसियान के साथ अपने संबंध विकसित करने का मजबूत आधार मिला है।
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