अमेरिका में कोर्ट ने भारतीय छात्र को निर्वासित करने से रोका, कहा- ट्रम्प प्रशासन नहीं कर सकता निर्वासन सहित कोई कानूनी कार्रवाई 

यह घटना 2024 को घटित हुई

अमेरिका में कोर्ट ने भारतीय छात्र को निर्वासित करने से रोका, कहा- ट्रम्प प्रशासन नहीं कर सकता निर्वासन सहित कोई कानूनी कार्रवाई 

अमेरिका की एक अदालत ने ट्रम्प प्रशासन को एक भारतीय स्नातक छात्र को निर्वासित करने से रोक दिया है।

वाशिंगटन। अमेरिका की एक अदालत ने ट्रम्प प्रशासन को एक भारतीय स्नातक छात्र को निर्वासित करने से रोक दिया है, जिसका स्टूडेंट वीजा उसके स्नातक होने से कुछ ही हफ्ते पहले रद्द कर दिया गया था। मैडिसन अदालत के डिस्ट्रिक्ट जज विलियम कॉनले ने कहा कि यूडब्ल्यू-मैडिसन के अंतर्राष्ट्रीय छात्र 21 वर्षीय कृष्ण लाल इस्सरदासानी का छात्र वीजा रद्द नहीं किया जा सकता और ट्रम्प प्रशासन उसके खिलाफ निर्वासन सहित कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकता।

ट्रम्प प्रशासन द्वारा निर्वासन पर अस्थायी रोक लगाने का अनुरोध मैडिसन के वकील शबनम लोतफी द्वारा किया गया था, जब सरकार के छात्र एवं विनिमय आगंतुक कार्यक्रम (एसईवीआईएस) डेटाबेस में इस्सरदासानी का रिकॉर्ड समाप्त कर दिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार अपने 12 पेज के आदेश में जज कॉनले ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने इस्सरदासानी का वीजा गलत तरीके से समाप्त किया है, जबकि वह कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री पूरी करने वाले हैं और वीजा रद्द करने के खिलाफ अपील करने के लिए उन्हें किसी भी प्रकार की प्रक्रिया से वंचित किया गया।

जज कॉनले ने कहा कि इस्सरदासानी के शैक्षणिक व्यय की राशि और डिग्री प्राप्त किए बिना अमेरिका छोडऩे से होने वाले संभावित नुकसान को देखते हुए अदालत ने निष्कर्ष निकाला है कि इस्सरदासानी ने विश्वसनीय रूप से प्रदर्शित किया है कि उन्हें अपूरणीय क्षति का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए निषेधाज्ञा राहत के बिना उनके पास कानून में कोई पर्याप्त उपाय नहीं है। इस्सरदासानी, यूडब्ल्यू-मैडिसन के कम से कम 26 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और हाल के पूर्व छात्रों में से एक हैं, तथा विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में 40 छात्रों में से एक हैं, जिनके वीजा अचानक रद्द कर दिए गए हैं।

ट्रम्प प्रशासन ने जनवरी से अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 1,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का वीजा रद्द कर दिया है। जब प्रवेश वीजा रद्द कर दिया जाता है, तो छात्रों को निर्वासित कर दिया जाता है और उन्हें तुरंत अमेरिका छोडऩे की सलाह दी जाती है। अपने आदेश में जज कॉनले ने कहा कि इस्सरदासानी का वीजा अनुचित आचरण के आरोप में गिरफ्तारी के कारण रद्द किया गया प्रतीत होता है, जिसे उन्होंने अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया है।

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यह घटना 2024 को घटित हुई, जब इस्सरदासानी और उनके दोस्तों का एक समूह बार से घर लौटते समय लोगों के एक अन्य समूह के साथ उलझ गया। पुलिस ने इस्सरदासानी के खिलाफ अव्यवस्थित आचरण का आरोप लगाया, जबकि डेन काउंटी के जिला अटॉर्नी इस्माइल ओजान ने उसके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया। जज कॉनली ने कहा कि इसके बाद से इस्सरदासानी का कानून प्रवर्तन या आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन से कोई संपर्क नहीं रहा। अचानक चार अप्रैल को इस्सरदासानी को बताया गया कि उनका छात्र वीजा रद्द कर दिया गया है और इसके लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, सिवाय इसके कि वह आरोप संदर्भ के कारण अपना वीजा निरंतर कायम रखने में विफल रहे।

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