माणिक साहा ने दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री की शपथ ली
पीएम भी रहे मौजूद
आज शपथ लेने वालों में सर्वश्री रतन लाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सनातन चकमा, सुशांत चौधरी, टिंकू रॉय, बिकास देबबर्मा, सुधांशु दास और शुक्ला चरण नोतिया शामिल हैं।
अगरतला। त्रिपुरा के विवेकानंद मैदान में बुधवार को माणिक साहा ने दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। शपथ ग्रहण समारोह अगरतला के विवेकानंद मैदान में आयोजित किया गया। राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा डॉ साहा के नाम सहमति बनने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया। आज शपथ लेने वालों में सर्वश्री रतन लाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सनातन चकमा, सुशांत चौधरी, टिंकू रॉय, बिकास देबबर्मा, सुधांशु दास और शुक्ला चरण नोतिया शामिल हैं।
डॉ साहा ने कांग्रेस छोड़ने के बाद वर्ष 2016 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। मार्च 2022 में राज्य सभा के सदस्य के तौर पर चुने गए थे। साहा पेशे से डेंटल सर्जन है। उनकी साफ छवि के कारण उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव की जगह चुनाव से ठीक पहले राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। डॉ साहा ने पटना के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज से बैचलर ऑफ डेंटल स्टडीज प्रोग्राम पूरा किया और बाद में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी की। डॉ. साहा त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में डेंटल सर्जरी विभाग और अगरतला के हापनिया में डॉ बीआर अंबेडकर मेमोरियल टीचिंग हॉस्पिटल के हेड थे। उन्हें इंडियन डेंटल एसोसिएशन और त्रिपुरा सरकार द्वारा डेंटल सर्जरी में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
त्रिपुरा पिछले कुछ दशकों में वामपंथियों का गढ़ रहा है। कांग्रेस-टीयूजेएस गठबंधन ने 1988 में त्रिपुरा में वामपंथियों को बहुत पहले ही हराया था, हालांकि यह गठबंधन 1993 में फिर से कम्युनिस्टों से हार गया। डॉ. साहा के फिर से चुने जाने से पहली बार किसी वामपंथी विरोधी सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता बरकरार रखी है। भाजपा की त्रिपुरा इकाई के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा, च्च्हमें उम्मीद है कि भाजपा 2.0 सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। राज्य में 16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 60 दस्यीय विधानसभा में 32 सीटों पर जीत मिली थी। उसकी सहयोगी आईपीएफटी एक सीट हासिल करने में सफल रही।
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