वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे : नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बेसहारा शावकों को दिया नया जीवन, ममता ने ठुकराया, वन्यजीव डॉक्टर ने थामा दामन
अब बायोलॉजिकल पार्क के चमकते सितारे हैं भीम-स्कंदी
15 सितम्बर, 2023 को रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से बाघिन टी-79 के ढाई माह के नर शावक को गंभीर अवस्था में बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था।
जयपुर। हर साल तीन मार्च को वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे मनाया जाता है। जो हमें प्रकृति और वन्यजीवों की रक्षा का संदेश देता है। लेकिन क्या हो जब कोई मासूम शावक जन्म लेने के साथ ही अपनी मां के स्नेह से वंचित रह जाए? नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में ऐसे ही बेसहारा शावकों को नया जीवन दिया गया। वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक अरविंद माथुर ने मां की भूमिका निभाकर इन नन्हें जीवों को अपने स्नेह, देखभाल और उपचार से बड़ा किया। यह कहानी सिर्फ बचाव की नहीं, बल्कि प्रकृति के परित्यक्त शावकों को नया जीवन देने की है। यह कहानी केवल वन्यजीव संरक्षण की नहीं, बल्कि प्रकृति और इंसान के बीच के उस अनमोल रिश्ते की भी है। जहां ममता सिर्फ जन्म देने तक सीमित नहीं रहती। अब ये मासूम न केवल जीवित हैं, बल्कि बायोलॉजिकल पार्क में देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को लुभा भी रहे हैं। इस वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे पर आइए, हम सभी संकल्प लें कि हर जीव का जीवन उतना ही कीमती है, जितना हमारा खुद का।
अब बायोलॉजिकल पार्क के चमकते सितारे हैं भीम-स्कंदी
बाघिन रानी के शावक भीम और स्कंदी की कहानी एक अद्भुत संघर्ष की मिसाल है। जन्म के बाद मां का स्नेह न मिलने से इनके जीवन पर संकट था। लेकिन सही देखभाल और प्यार ने इन्हें अब नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क का आकर्षण बना दिया है। 10 मई 2024 को बाघिन रानी ने दो शावकों को जन्म दिया, लेकिन उसकी बेरुखी के चलते 2 जून, 2024 को इन्हें नियोनेटल केयर यूनिट में लाया गया। जन्म के समय भीम का वजन 3.18 किलोग्राम और स्कंदी का 2.25 किलोग्राम था। लगातार देखभाल, वैक्सीनेशन, डिवॉर्मिंग के बाद अब दोनों 50 किलो से अधिक के हो चुके हैं। अब ये शावक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं।
दो घंटे भूखा रहा शावक, फिर मिला नया जीवन
शेरनी तारा के नवजात शावक को जब मां का प्यार नहीं मिला, तो उसका जीवन खतरे में था। लेकिन डॉ.माथुर सहित स्टाफ की देखभाल ने उसे फिर से खड़ा कर दिया। अब यह मजबूत और स्वस्थ है, और जल्द ही इसे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे पहले लायन सफारी में रह रही शेरनी तारा ने अक्टूबर, 2024 में एक शावक को जन्म दिया, लेकिन मां का स्नेह उसे नहीं मिला। 14 अक्टूबर को 970 ग्राम वजन वाले इस कमजोर शावक को नियोनेटल केयर यूनिट में लाया गया। 24 घंटे निगरानी और पोषण से अब यह 15 किलो से अधिक वजन का हो चुका है। जल्द ही इसे बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया जाएगा। जहां यह अब स्वतंत्र रूप से विचरण करेगा। रेस्क्यू प्रभारी सरिता मीणा सीसीटीवी कैमरे से शावक की हर गतिविधि पर नजर बनाए रहती हैं।
रणथम्भौर से लाए थे गंभीर अवस्था में, अब ये स्वस्थ हैं
15 सितम्बर, 2023 को रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से बाघिन टी-79 के ढाई माह के नर शावक को गंभीर अवस्था में बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था। यहां नियो निटेल केयर यूनिट में उपचार के बाद अब ये स्वस्थ है। इसे अभी पार्क के ऑफ डिस्प्ले एरिया में रखा गया है। इसकी उम्र करीब डेढ़ साल हो गई है।
हिप्पो, भालू और हाइना में सफल प्रजनन
सिर्फ बाघ और शेर ही नहीं, बल्कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में हिप्पो, भालू और हाइना का भी सफल प्रजनन हो रहा है।
हिप्पो: 2020 और 2024 में सफल प्रजनन, अब पार्क में दो नर और दो मादा हिप्पो मौजूद हैं।
भालू: मादा भालू झुमरी ने 2020, 2022 और 2024 में 5 शावकों को जन्म दिया।
हाइना: इनका भी सफल प्रजनन हो रहा है।

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