सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मंजूरी , एक लाख करोड़ की लागत आयेगी
अब हर ब्लॉक में बनेगा गोदाम
केन्द्र सरकार की इस योजना से सहकारिता क्षेत्र में 700 लाख टन अन्न का भंडारण हो सकेगा, इस योजना को पूरा करने में लिए एक लाख करोड़ की लागत आयेगी।
ब्यूरो नवज्योति, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने किसानों के अनाज को बर्बाद होने से बचाने के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है। केन्द्र सरकार की इस योजना से सहकारिता क्षेत्र में 700 लाख टन अन्न का भंडारण हो सकेगा, इस योजना को पूरा करने में लिए एक लाख करोड़ की लागत आयेगी। मोदी सरकार ने अपनी इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) के गठन और सशक्तिकरण की भी मंज़ूरी प्रदान कर दी है। इसमें सहकारिता मंत्री के अलावा कृषि और किसान कल्याण मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और संबंधित मंत्रालयों के सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अभी तक कुल 1450 लाख टन भंडारण की क्षमता है और अब इसमें 700 लाख टन भंडारण की क्षमता और बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी वहीं पीएम के विजन के अनुरूप सहकारी समितियों को गतिशील बनाने के लिए हर ब्लॉक में 2000 टन भंडारण क्षमता का गोदाम बनाया जाएगा। ठाकुर ने कहा कि भारत विश्व में अनाज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी बड़े उत्पादक देशों जैसे चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, अर्जेंटीना आदि के पास अपने वार्षिक उत्पादन से अधिक की भंडारण क्षमता उपलब्ध है, लेकिन भारत में अन्न के भंडारण की क्षमता, वार्षिक उत्पादन का केवल 47 फीसदी है, परिणामस्वरूप अनाज की बर्बादी होती है और किसानों को डिस्ट्रेस सेल करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि किसानों को विभिन्न विकल्प प्रदान करके फसलों की बहुत कम मूल्य पर आकस्मिक बिक्री रुकेगी और किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकेगा। इससे खरीद केन्द्रों तक और फिर वेयरहाउस से उचित दर दुकानों तक खाद्यान्नों के परिवहन में होने वाले व्यय में भारी कमी आएगी, इतना ही नहीं खाद्दान्न के निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी।
राजस्थान में 25 फीसदी अन्न भंडारण की क्षमता
मौजूदा समय में देश में कुल 47 फीसदी ही अनाज का भंडारण करने की क्षमता है। इससे सबसे अधिक अन्न भंडारण क्षमता वाला राज्य मध्यप्रदेश है। मध्यप्रदेश में 75 फीसदी भंडारण की क्षमता है। वहीं दूसरे स्थान पर हरियाणा है। जहां 64 फीसदी अनाजों का भंडारण हो पाता है। इसके बाद पंजाब का नंबर आता है, जहां 60 फीसदी अन्न भंडारण की क्षमता है। जबकि राजस्थान में 25 फीसदी अन्न भंडारण की क्षमता है।

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