संस्कृत विद्वान पद्मश्री पियरे सिल्वेन फिलियोजात का निधन, मोदी ने जताया शोक
बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए पेरिस भेजा गया था
प्राचीन हिन्दू मंदिरों के वास्तुशिल्प पर काफी कार्य किया था और उन्होंने फ्रांस में संस्कृत का अध्यापन भी किया था।
नई दिल्ली। संस्कृत के जाने-माने विद्वान एवं पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर पियरे सिल्वेन फिलियोजात का पेरिस में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे। डॉ. फिलियोजात के परिवार में पत्नी डॉ. वसुंधरा कवाली फिलियोजात और दो पुत्रियां मनोन्मणि और भामती तथा उनके नाती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉक्टर फिलियोजात के निधन पर शोक जताया है और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। फ्रांसिसी मूल के भारतीय डॉ. फिलियोजात मैसूर में यादवगिरि में रहते थे। उन्हें पिछले सप्ताह तबियत खराब होने के बाद मैसूर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वहां से बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए पेरिस भेजा गया था। उनके नजदीकी सूत्रों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार पेरिस में किया जा सकता है।
डॉ. फिलियोजात फ्रांस के प्रसिद्ध प्राच्यविद्या विशेषज्ञ ज्यां फिलियोजात के पुत्र थे। उन्होंने संस्कृत के विभिन्न विद्वानों के ज्ञान और शैली पर अध्ययन के अलावा प्राचीन हिन्दू मंदिरों के वास्तुशिल्प पर काफी कार्य किया था और उन्होंने फ्रांस में संस्कृत का अध्यापन भी किया था।
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