संसद में पीएम मोदी का भाषण : बिना नाम लिए राहुल गांधी पर हमला, कहा- कुछ लोगों को संसद में गरीबों की बात बोरिंग लगती है
सरकार ने कई योजनाएं बनाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह गरीबी को जानते हैं और गरीब का दर्द समझते हैं, इसलिए उनकी सरकार ने गरीबी की समस्या के समाधान की कई योजनाएं बनाई हैं और गरीबों को फायदा पहुंचाने का काम पारदर्शी तरीके से किया है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह गरीबी को जानते हैं और गरीब का दर्द समझते हैं, इसलिए उनकी सरकार ने गरीबी की समस्या के समाधान की कई योजनाएं बनाई हैं और गरीबों को फायदा पहुंचाने का काम पारदर्शी तरीके से किया है। मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दो दिन चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार न सिर्फ गरीबों के हित के लिए काम कर रही है बल्कि पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक पैसे की बचत कर रही है और उस पैसे का इस्तेमाल विकास के काम में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबों की समस्या के समाधान के लिए स्वास्थ्य कार्ड, शौचालय, हर में नल से जल, मृदा स्वास्थ्य कार्ड से न केवल गरीब लोगों के जीवन आसान हुआ है बल्कि उन्हें हजारों करोड़ रुपए की बचत हो रही है। डिजीटली प्रौद्योगिकी के जरिए कल्याणकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थिेयों के खाते में डालकर लोगों को उसका पूरा लाभ मिला है साथ ही करोड़ों की संख्या में फर्जी लाभार्थियों की छंटाई हुई है।
मोदी ने कहा कि पहले गांव में महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए सूर्योदय से उठ जाती थीं और उनकी सरकार ने इन लोगों की समस्याओं को करीबी से समझा है उनके लिए 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय का निर्माण कर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया है। कुछ नेताओं का फोकस घरों पर स्टाइलिस्ट सावर आदि पर होता है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने का रहा है। हमारी सरकार ने पांच साल में 12 करोड़ घरों में नल से जल देने का काम किया है और वह काम तेजी से आगे भी बढ रहा है। हमने गरीबों केहितों के लिए काम किया है और यही वजह है कि राष्ट्रपति ने अपने भाषण में इसकी चर्चा की है।
उन्होंने नाम लिए बिना विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला किया और कहा कि कुछ लोग गरीब के घरों पर फोटो सेशन करवा कर अपना मनोरंजन करते हैं इसलिए उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगती है। पिछले दस साल में उनकी सरकार का प्रयास समस्या के समाधान का रहा है और इसीलिए वह समर्पित होकर काम भी करते हैं। उनका कहना था कि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने देश में भ्रष्टाचार की समस्या को पहचाना इसलिए उन्होंने कहा कि दिल्ली से एक रुपया जाता है तो गांव तक 15 पैसा ही पहुंचता है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए मॉडल तैयार किया और जनता का पैसा जनता के लिए हो, गरीब को सीधे लाभ मिले और जो पैसा केंद्र से गरीब को मिलता है वह सीधे उसके खाते में जाए इसकी डिजिटल व्यवस्था की गई जिसके तहत देश के गरीब के खाते में सीधे लाखों करोड़ रुपए पहुंचे हैं। सरकार ने गरीबों को सीधा लाभ देने के साथ ही फर्जी तरीकों से गरीबों की योजनाओं को खाने वाले को डिजिटलीकरण के जरिए बाहर कर गरीब को उनका हक देने का काम किया है।
मोदी ने कहा कि उनके स्वच्छत अभियान का मजाक उड़ाया जाता था, लेकिन आज हालात यह है कि स्वच्छता अभियान के तहत सरकारी दफ्तरों से कबाड़ बेचकर सरकार के खाते में 2300 करोड रुपए आये हैं। यह कमाई उसी स्वच्छता योजना से हुई जिसका पहले कुछ लोग मजाक उड़ाते थे। इसी तरह से एथनाल के जरिए किसान को फायदा हो रहा है और एक लाख करोड रुपए किसानों को एथनॉल से मिले हैं और यह पैसा सीधा किसानों की जेब में गया है। पहले अखबरों की हेडलाइन घोटालों को लेकर आती थी, लेकिन पिछले दस साल में कोई घोटाला नहीं हुआ और यह पैसा बचा है और इसका इस्तेमाल देश की जनता के हित में हुआ है। उनकी सरकार के पास पैसा आया लेकिन उसका इस्तेमाल शीश महल बनाने नहीं बल्कि देश बनाने के लिए किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विनिर्माण का बजट 11 लाख करोड़ हो गया है जो 2014 से पहले दो लाख करोड़ से भी कम होता था। उनकी सरकार ने विकास की मजबूत नींव रखी है और सरकारी खजाने में जबरदस्त इजाफा भी हुआ है। सरकार ने ऐसी योजनाएं तैयार की जिसका लाभ जनता को मिले। आयुष्मान योजना के तहत जनता के एक लाख 20 करोड़ रुपए बचे हैं। जन औषधि के कारण गरीब के करीब 10 हजार करोड़ रुपए बचे हैं। नल से जल को लेकर उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वच्छ जल के कारण औसत परिवार का 40 रुपए जल से होने वाली बीमारी से बचा है। मुफ्त अनाज तथा मुफ्त बिजली योजना से भी गरीब को साल भर में 25 से 30 हजार रुपए की बचत हुई है और अगर ज्यादा बिजली है तो उससे उसको अलग लाभ मिल रहा है। एलईडी बल्ब से बिजली बची, बल्ब सस्ता हुआ और देशवासियों के हजारों रुपए बचे हैं।
उन्होंने कहा कि बीते दस साल में आयकर को कम करके मिडिल क्लास का बजट कम करने का काम हुआ है। वर्ष 2014 से पहले आयकर की ‘बंदूक की गोलियों’ से देशवासियों का जीवन छलनी किया गया, लेकिन उनकी सरकार ने धीरे-धीरे जनता के घाव भरे। वर्ष 2013-14 में आयकर छूट दो लाख थी जो आज बढ़कर 12 लाख रुपए हो गई है। वेतनभागी वर्ग को पहली अप्रैल से छूट के बाद 13.75 लाख रुपए तक की आय पर आयकर नहीं देना पड़ेगा।
मोदी ने कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मणन के एक कार्टून का जिक्र किया और कहा कि वह आज सटीक साबित हो रहा है। उन्होंने ठेले पर हवाई जहाज रखने का एक कार्टून बनाया था जो आज सही साबित हो रहा है। इसका मतलब था कि तबके प्रधानमंत्री सिर्फ हवाई बातें करते थे और जमीन से कटे हुए थे और 21वीं सदी की बात करते थे, लेकिन 20वीं सदी की जरूरत को ही पूरा नहीं कर पा रहे थे, उस पर यह कटाक्ष था।
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