भारत-ओमान बिजनेस समिट में पीएम मोदी ने कहा, भरोसे की नींव पर टिके हैं हमारे रिश्ते
भारत–ओमान साझेदारी को नई गति
ओमान के मस्कट में भारत–ओमान बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों को भरोसे, विरासत और भविष्य की साझेदारी पर आधारित बताया। उन्होंने भारतीय डायस्पोरा की भूमिका और निवेश व व्यापार में बढ़ती संभावनाओं पर जोर दिया।
ओमान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन देशों की यात्रा के दौरान कल ओमान पहुंचे थे और आज इस यात्रा का दूसरा दिन है। भारत ओमान बिजनेस समिट के दौरान पीएम मोदी मस्कट पहुंचे, इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों की नींव केवल भरोसे पर टिकी हुई है और अब तक दोनों की दोस्ती केवल इसी बात निर्भर करती है और दोनों देशों के रिश्तें अब समय के साथ और भी गहरे होते जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, आज दोनों देशों के डिपलोमैटिक रिश्तें को करीब 70 साल का समय हो चुका है, जहां दोनों देशों को अपनी सदियों पुरानी विरासत को और भी आगे ले जाने का प्रयास करना चाहिए ताकि दोनों देशों का भविष्य खुशहाल हो सके। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय डायस्पोरा दोनों देशों रिश्तों को और भी मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, इससे दोनों देशों का बिजनेस और भी बढ़ेगा।
पीएम मोदी ने भारत और ओमान के रिश्तों को लेकर कहा कि दोनो देशों के बीच जो ट्रेड रिश्ता 70 साल पहले शुरू हुआ था, आज उसे एजुकेशन सशक्त कर रहा है। इसके अलावा ओमान में भारतीय शिक्षा को भी करीब 50 साल पूरे हो चुके है।
आज हम सब भारत-ओमान मैत्री पर्व मना रहे हैं।
M समुद्री विरासत
A आकांक्षाएं
I इनोवेशन
T विश्वास और टेक्नोलॉजी
R सम्मान
I समावेशी विकास
इसके आगे पीएम मोदी ने कहा, मुझे सात वर्ष बाद Oman आने का सौभाग्य मिला है और आज आप सभी के साथ बातचीत करने का अवसर मिल रहा है। इस बिजनेस समिट के लिए आपकी गर्मजोशी मेरा भी उत्साह बढ़ा रही है। आज की ये समिट भारत—ओमान पार्टनरशिप को नई दिशा देगी, नई गति देगी और नई बुलंदियों तक पहुंचने में मदद करेगी, और इसमें आप सभी का बहुत बड़ा रोल है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत निवेश के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन है, ये तो दुनिया मानती है, साथ ही भारत एक भरोसेमंद फ्यूचर रेडी पार्टनर है और ओमान इसको बहुत अच्छे से समझता भी है और सराहता भी है।
पीएम मोदी ने कहा आज भारत और ओमान के बिजनेस हमारे ट्रेड को रिप्रेजेंट करते हैं। आप उस विरासत के वारिस हैं, जिसका सदियों का एक समृद्ध इतिहास रहा है। सभ्यता के आरंभ से ही हमारे पूर्वज एक-दूसरे के साथ मैरिटाइम ट्रेड कर रहे थे। अक्सर कहा जाता है कि समुद्र के दो किनारे बहुत दूर होते हैं, लेकिन मांडवी और मस्कट के बीच अरब सागर एक मजबूत ब्रिज बना है। एक ऐसा ब्रिज जिसने हमारे रिश्तों को मजबूत किया, कल्चर और इकोनॉमी को ताकत दी।

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