Speical Session of Parliament के बाद राहुल गांधी की प्रेस कान्फ्रेंस- मोदी सरकार महिला आरक्षण के नाम पर गुमराह कर रही
राहुल गांधी ने कहा कि संसद के इस विशेष सत्र का मुख्य मुद्दा महिला आरक्षण था। लेकिन इसके साथ दो शर्तें भी थीं कि महिला आरक्षण करने से पहले जनगणना और परिसीमन करवाना होगा, जिसे करने में कई साल लगेंगे।
नई दिल्ली। नए संसद भवन में बुलाए गए विशेष सत्र के पहले दिन महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया गया। विशेष सत्र की समाप्ति पर राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर महिला आरक्षण के नाम गुमराह करने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा कि संसद के इस विशेष सत्र का मुख्य मुद्दा महिला आरक्षण था। लेकिन इसके साथ दो शर्तें भी थीं कि महिला आरक्षण करने से पहले जनगणना और परिसीमन करवाना होगा, जिसे करने में कई साल लगेंगे। सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण को आज लागू किया जा सकता है। संसद और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण दिया जा सकता है। लेकिन मोदी सरकार ये नहीं करना चाहती, वो सिर्फ गुमराह कर रही है। गुमराह किस चीज से- जातिगत जनगणना से।
राहुल गांधी ने आगे ओबीसी वर्ग पर कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो ओबीसी के लिए बहुत काम करते हैं। अगर वे ओबीसी के लिए काम करते हैं, तो 90 सचिवों में से सिर्फ 3 सचिव ओबीसी से क्यों हैं? ये ओबीसी आफिसर्स देश के बजट का कितना और क्या कंट्रोल कर रहे हैं? मुझे ये पता लगाना है कि हिन्दुस्तान में ओबीसी कितने हैं और जितने हैं उतनी भागीदारी उन्हें मिलनी चाहिए।
राहुल ने कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम जातिगत जनगणना कराएंगे। देश को पता चलेगा कि ओबीसी, दलित और आदिवासी कितने हैं। उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलेगी।
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