जोजरी नदी में प्रदूषण हटाने पर निकायों की गंभीरता की कमी : सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- 10 दिन में निर्देश लेने का आदेश
एनजीटी के आदेश को चुनौती देने के प्रति गंभीर हैं
नदी को साफ करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पूछा कि वो ये भी बताएं कि क्या वे एनजीटी के आदेश को चुनौती देने के प्रति गंभीर हैं।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान की जोजरी नदी में प्रदूषण को हटाने के मसले पर राज्य के निकायों की ओर से गंभीरता की कमी पर चिंता जताई है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने राज्य सरकार को इस संबंध में 10 दिनों के अंदर निर्देश लेने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम लिमिटेड (रीको) के अलावा पाली, बालोतरी और जोधपुर के नगर निकायों ने एनजीटी के 2022 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें जोजरी नदी को साफ करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पूछा कि वो ये भी बताएं कि क्या वे एनजीटी के आदेश को चुनौती देने के प्रति गंभीर हैं।
कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान
10 अक्टूबर को कोर्ट ने जोजरी नदी में जहरीले पानी के मसले पर स्वत: संज्ञान लिए गए मामले की सुनवाई एनजीटी के आदेश के खिलाफ लंबित अपील के साथ सुनवाई करने का आदेश दिया था। बता दें कि 16 सितंबर को कोर्ट ने इस मसले पर स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने कहा था कि नदी में औद्योगिक कचरा छोड़े जाने से स्वास्थ्य और दूसरे पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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