बिहार में भाजपा-नीतीश सरकार 16 प्रतिशत आरक्षण की कर रही चोरी : तेजस्वी यादव ने लगाया आरोप, कहा- अतिपिछड़ा-आदिवासी समाज के 50 हजार लोग नौकरी से वंचित
हम सड़क से लेकर सदन तक इस मामले को लड़ रहे है
यादव ने कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण के मामले मे सर्वोच्य न्यायालय में राष्ट्रीय जनता दल इस मामले पर वकील के माध्यम से पैनी निगाह बनाये हुए है।
पटना। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीतीश सरकार लगातार बिहार में 16 प्रतिशत आरक्षण की चोरी कर रही है, जिससे पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज के लगभग 50 हजार लोगों को नौकरी से वंचित होना पड़ रहा है। राजद के राज्य कार्यालय के समक्ष आयोजित धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि 17 महीने कि महागठबंधन सरकार ने 49.5 प्रतिशत से आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया था और इसे केन्द्र की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने का प्रस्ताव महागठबंधन सरकार ने भेजा था। भाजपा और केन्द्र सरकार ने 10 महीने तक इसे 9वीं अनुसूची मे नहीं डाला और बाद मे केस में मामले को फंसाकर 16 प्रतिशत आरक्षण से पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज को वंचित कर दिया गया। भाजपा-नीतीश सरकार की आरक्षण चोरी के कारण 50 हजार के करीब लोगों को नौकरी से वंचित कर दिया गया है।
यादव ने कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण के मामले मे सर्वोच्य न्यायालय में राष्ट्रीय जनता दल इस मामले पर वकील के माध्यम से पैनी निगाह बनाये हुए है। साथ ही हम सड़क से लेकर सदन तक इस मामले को लड़ रहे है और किसी भी कीमत पर आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे। ये हमारा संकल्प और प्रण है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गाँधी मैदान में नियुक्ति पत्र देने का आईडीया हमारा था और आज उसी पर नकल करके मुख्यमंत्री 51389 नियुक्ति पत्र दिये है। लेकिन इस नियुक्ति पत्र में 16 प्रतिशत के आरक्षण की हकमारी और चोरी हुई है, जिस कारण 8222 नौकरी से पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी के आरक्षण को डबल इंजन सरकार खा गई। यें इन वर्गो के साथ अन्याय है।
इन वर्गो को न्याय दिलाने के लिए ही आज धरना रखा गया है। हम किसी भी कीमत पर तमिलनाडु के तर्ज पर 65 प्रतिशत आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए संघर्ष और आन्दोलन सड़क से लेकर सदन तक जारी रखेंगे। और 16 प्रतिशत आरक्षण से वंचित नहीं होने देंगे। महागठबंधन सरकार ने बिहार में जातीय गणना कराकर जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी तय की और बढ़ाकर 65 प्रतिशत आरक्षण दिया।
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