केदारनाथ-हेमकुंड साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट को मंजूरी, 8.9 घंटे की दूरी मात्र 36 मिनट में पूरी होगी
आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए वरदान
मोदी कैबिनेट ने पशु औषधि घटक को शामिल करते हुए पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम के संशोधन को भी मंजूरी मिली है।
नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने उत्तराखंड को तोहफा देते हुए केदारनाथ और हेमकुंड रोप-वे परियोजना को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय रोप-वे विकास कार्यक्रम (पर्वतमाला परियोजना) के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक रोपवे का निर्माण कराया जाएगा, इसकी कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपए होगी, इसके बनने के बाद केदारनाथ की 8.9 घंटे की दूरी मात्र 36 मिनट में होगी। वहीं उत्तराखंड में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दी है, इसकी कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपए होगी। रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना बनाई गई है।
केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए वरदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रोप-वे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक वरदान होगी क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल, आरामदायक और तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। वैष्णव ने बताया कि इसे ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर विकसित किया जाएगा। इसके बनने से रोजाना 18 हजार यात्री सफर कर सकेंगे। वैष्णव ने बताया कि इसको डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर) मोड पर तैयार किया जाएगा। इससे हेमकुंड साहिब आने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी, इस योजना से गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी मिलेगी।
पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के को मंजूरी
मोदी कैबिनेट ने पशु औषधि घटक को शामिल करते हुए पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम के संशोधन को भी मंजूरी मिली है। एलएचडीसीपी योजना में पशु औषधि को जोड़ा गया है, इस योजना के तहत 2024-25 और 2025-26 में 3,880 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके जरिये टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के जरिए पशुधन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में मदद करने की योजना है।
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