हरियाणा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना पड़ेगा महंगा : एनएचएआई ने की टोल टैक्स बढ़ाने की तैयारी, सैलजा ने कहा- 4 से 5 फीसदी की होगी बढ़ोतरी
60 किमी दूरी से कम पर स्थित टोल प्लाजा आज तक बंद नहीं किए गए
कांग्रेस महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक अप्रैल से हरियाणा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना महंगा होने जा रहा है
चंडीगढ़। कांग्रेस महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक अप्रैल से हरियाणा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना महंगा होने जा रहा है, क्योंकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की ओर से टोल टैक्स बढ़ाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। कुमारी सैलजा ने आज यहां जारी बयान में कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश के अंदर एनएचएआई की सड़कों पर कुल 55 टोल टैक्स प्वाइंट हैं। वहीं, आकलन के आधार पर प्रत्येक टोल प्वाइंट पर मौजूदा दरों में 4 से 5 फीसदी के बीच वृद्धि होना संभावित है। दूसरी ओर 60 किमी दूरी से कम पर स्थित टोल प्लाजा आज तक बंद नहीं किए गए है।
हरियाणा में एक अप्रैल 2025 से टोल की नयी दरें लागू होंगी। उन्होंने कहा कि एचएसआईआईडीसी की ओर से हर साल एक अप्रैल से नए सिरे से टोल टेंडर जारी किया जाता है। इसमें राशि भी बढ़ाई जाती है और टोल दरें भी महंगी की जाती हैं। कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि टोल को लेकर मनमानी ज्यादा की जाती है, जिन टोल प्लाजा की अवधि खत्म हो जाती है, उन्हें बंद करने के बजाय चालू ही रखा जाता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार प्राइवेट एजेंसी के साथ मिलकर जनता को लूटने में लगी हुई है।
काँग्रेस नेता ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कई बार सदन में विश्वास दिला चुके है कि 60 किमी से कम दूरी पर स्थित टोल प्लाजा बंद किए जाएंगे पर ऐसा हुआ नहीं है। एक जानकारी में स्वयं मंत्रालय ने माना है कि डबवाली से लेकर दिल्ली तक कुल सात टोल है और इनमें से एक ही टोल 61 किमी की दूरी पर है शेष के बीच की दूरी 60 किमी से कम है। दो टोल तो ऐसे है जिनमें बीच की दूरी मात्र 37 किमी है।उन्होंने कहा कि कि दिल्ली जयपुर एनएच-48 के निर्माण पर लगभग 8919 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई थी पर वहां पर 11945 करोड़ की टोल की वसूली हो चुकी है। इसी प्रकार गुरूग्राम- कोटपुतली एनएच के निर्माण पर 2489 करोड़ की राशि खर्च की गई थी जहां पर टोल के रूप में 2727 करोड़ की वसूली की जा चुकी है।
कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि सरकार सब कुछ जानकर भी अनदेखी कर प्राइवेंट एजेंसियों को लाभ पहुंचा रही है जबकि टोल वसूली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की हुई है कि जब हाइवे की स्थिति ठीक नहीं है तो टोल वसूली क्यों?
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