बीएमसी चुनाव से पहले एकजुट होंगे उद्धव और राज ठाकरे : सीट शेयरिंग में एमएएमयू फैक्टर पर दांव, एमएनएस 60 से 70 सीटों पर लड़ सकती है चुनाव
तीन संयुक्त रैलियों की तैयारी
बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे गठबंधन की तैयारी में हैं। दोनों दल मराठी-मुस्लिम समीकरण पर फोकस करेंगे। सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन चुकी है, हालांकि वर्ली, दादर-माहिम सहित चार इलाकों पर अड़चन है। अगले 48 घंटों में बैठक के बाद औपचारिक घोषणा संभव है।
मुम्बई। करीब एक दशक की राजनीतिक दूरी को पाटते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव के लिए हाथ मिलाने की तैयारी में हैं।
दोनों दलों के नेताओं के बीच चल रही सीट शेयरिंग बातचीत के बीच यह लगभग तय माना जा रहा है कि आगामी बीएमसी चुनाव में ठाकरे बंधु संयुक्त मोर्चा बनाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस गठबंधन की रणनीति का केंद्र एमएएमयू यानी मराठी-मुस्लिम समीकरण होगा। इसके तहत मुंबई की कुल 227 सीटों में से 72 मराठी बहुल और 41 मुस्लिम प्रभाव वाले वार्डों पर विशेष फोकस किया जाएगा। माना जा रहा है कि यही सामाजिक समीकरण 2024 के लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना को गोवंडी, मानखुर्द, बायकुला और माहिम जैसे इलाकों में फायदा पहुंचा था।
सीट बंटवारे पर सहमति, लेकिन चार इलाकों पर अड़चन :
सीट शेयरिंग के प्रारंभिक फॉमूर्ले के तहत शिवसेना (यूबीटी) 140 से 150 सीटों पर, जबकि एमएनएस 60 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि, बातचीत चार प्रमुख मराठी गढ़ों- वर्ली, दादर-माहिम, सिवरी और विक्रोली/भांडुप पर आकर अटक गई है। मनसा इन इलाकों में चुनाव लड़ने पर अड़ी है, जबकि ये क्षेत्र फिलहाल उद्धव ठाकरे की पार्टी के विधायकों के प्रभाव वाले माने जाते हैं और पारंपरिक तौर पर मराठी मानूस की राजनीति का केंद्र रहे हैं।
अल्पसंख्यक समर्थन मराठी आक्रामकता की रणनीति :
जहां उद्धव ठाकरे अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधे रखने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, वहीं राज ठाकरे के जिम्मे मराठी मतदाताओं को जोश दिलाने की भूमिका होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, राज ठाकरे मुंबई में जोरदार और आक्रामक भाषणों के जरिए मराठी अस्मिता को फिर से केंद्र में लाने की कोशिश करेंगे।
तीन संयुक्त रैलियों की तैयारी :
ठाकरे बंधु अपनी एकता का सार्वजनिक प्रदर्शन करने के लिए मुंबई में तीन संयुक्त रैलियां भी कर सकते हैं। इन रैलियों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश होगी कि बीएमसी चुनाव में मुकाबला सीधा ठाकरे बनाम महायुति का है। सूत्रों का कहना है कि उद्धव और राज ठाकरे अगले 48 घंटों के भीतर आमने-सामने बैठक कर सीटों को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश करेंगे। इस बैठक के बाद गठबंधन की औपचारिक घोषणा और बीएमसी चुनाव के लिए साझा रणनीति सामने आने की संभावना है।

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