ट्रंप के प्लान पर भड़के यूक्रेन के राष्ट्रपति, जेलेंस्की ने कहा- पीस प्लान हमें मंजूर नहीं
समझौता मॉस्को को इनाम देने जैसा
अमेरिका-रूस की संभावित शांति योजना पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि कब्जाई जमीन रूस को सौंपना अंतरराष्ट्रीय कानून और यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन होगा तथा खतरनाक मिसाल बनेगा। ड्राफ्ट प्रस्ताव में खेरसॉन, जापोरिज्जिया और डोनबास के हिस्सों पर रूस का नियंत्रण मानने की बात सामने आई है। इसी बीच रूस ने खारकीव पर हमले तेज कर दिए हैं।
कीव। अमेरिका और रूस के यूक्रेन शांति प्रस्ताव पर वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि रूस को जबरदस्ती जमीन पर कब्जा करने देना एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा। उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई है, जब दावा किया जा रहा है कि इस शांति योजना में यूक्रेन की कब्जाई जमीन को रूस को सौंपने की बात कही गई है। हालांकि, यह योजना अभी पूरी तरह सार्वजनिक नहीं हुई है। इसके बावजूद यूक्रेन से लेकर यूरोपीय यूनियन के देशों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस बीच रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं। ताजा हमलों में रूस ने खारकीव को निशाना बनाया है, जिसमें कई यूक्रेनी मारे गए हैं।
जेलेंस्की बोले- यह खतरनाक मिसाल :
अमेरिका-रूस के यूक्रेन शांति योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि एक बड़ा मुद्दा यह है कि पुतिन जो कुछ उन्होंने चुराया है, उसे कानूनी मान्यता देना चाहते हैं, ताकि इलाके की अखंडता और संप्रभुता के सिद्धांत को तोड़ा जा सके। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि ऐसा करना एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा। उनका तर्क है कि अंतरराष्ट्रीय कानून यूक्रेन की इलाके की अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देता है। ऐसे में पुतिन की मांग के आगे झुककर रूस को यह इलाका सौंपना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन होगा।
समझौता मॉस्को को इनाम देने जैसा :
जेलेंस्की का कहना है कि 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जा करने और कई दूसरे इलाकों पर कब्जे ने सीधे तौर पर इस सिद्धांत को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा विचार है कि शांति समझौता मॉस्को को उसके हमले के लिए इनाम दे सकता है, तो यह हमें मंजूर नहीं है। रूस बार-बार मांग करता रहा है कि यूक्रेनी सैनिक कई मुश्किलों वाले पूर्वी इलाकों से हट जाएं।
अमेरिकी शांति योजना में क्या है ?
यूएस शांति योजना के ड्राफ्ट में खेरसॉन और जापोरिज्जिया में फ्रंट लाइन को फ्रीज करने का प्रस्ताव है, जिससे रूस को उन इलाकों के बड़े हिस्से पर कंट्रोल मिल जाएगा। शायद यूक्रेन के लिए ज्यादा चिंता की बात यह है कि इसमें यह भी कहा गया है कि कीव को इंडस्ट्रियल पूर्वी डोनबास इलाके के उन हिस्सों को, जो अभी भी यूक्रेन के कंट्रोल में हैं रूस के डी फैक्टो कंट्रोल में सौंप देना चाहिए। जेलेंस्की ने बार-बार कहा है कि डोनबास छोड़ने से यूक्रेन भविष्य में रूसी हमलों के लिए कमजोर हो जाएगा।

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