बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में फिर भड़की हिंसा : पुलिस ने की फायरिंग, प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को फूंका
झड़प में दो नागरिक और 13 पुलिसकर्मी घायल
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जला दिया, दुकानों को लूट लिया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
कोलकाता। वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज और सुती में दंगा तथा आगजनी करने वाले हिंसक प्रदर्शनकारियों के समूहों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले एवं लाीचार्ज किए लेकिन इसके विफल होने पर पुलिस ने चार राउंड गोलियां चलार्इं। प्रदर्शनकारियों ने यहां पिता-पुत्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जला दिया, दुकानों को लूट लिया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम ने कहा कि जब हिंसक भीड़ को काबू करने में आंसू गैस और लाठीचार्ज विफल हो गया तो पुलिस ने चार राउंड गोलियां चलाईं। भीड़ ने वाहनों, दुकानों में तोड़फोड़ करने और संपत्ति लूटने के बाद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। झड़प में दो नागरिक और 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के संकटग्रस्त मुर्शिदाबाद जिले में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में राज्य प्रशासन की सहायता के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की अध्यक्षता वाली एक विशेष खंडपीठ ने दोनों वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आम लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती का आदेश दिया। भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद और अन्य जगहों पर भड़की हिंसा के मद्देनजर तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम के समक्ष याचिका दायर की थी। मामले को न्यायमूर्ति सौमेन सेन की खंडपीठ को भेज दिया गया।
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