हम भाजपा के अभिभावक नहीं, जो रोज बताएं कि ये करो : होसबोले
औरंगजेब भारत विरोधी, हमारे आइकन नहीं
एक बार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण का ऐलान कर दिया था लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे लागू नहीं होने दिया।
बेंगलुरु। बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा का समापन हो गया। इसके बाद बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने ओरंगजेब भारत विरोधी थे और जो भारत के विरोधी रहे हैं उनको आइकन नहीं बनाया जा सकता। गंगा-जमुनी तहजीब की बात करने वाले लोग औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को याद क्यों नहीं करते हैं? दिल्ली में औरंगजेब रोड को बदलकर अब्दुल कलाम रोड किया तो उसका कोई मतलब है न। उन्होंने ये भी कहा कि हम भाजपा के अभिभावक नहीं है जो उसे रोज बताएं कि ये काम करो। भाजपा अध्यक्ष के रूप में संघ से प्रचारक भेजने के सवाल पर होसबोले ने कहा कि ऐसी हमारी कोई मंशा नहीं है। सभी संगठन स्वतंत्र हैं और अपनी प्रक्रिया के तहत अपने अध्यक्ष चुनाव करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसमें हमसे पूछ कर कुछ करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में जाति-बिरादरी के हिसाब से आपस में झगड़े नहीं होने चाहिए। जब कोई सैनिक बॉर्डर पर शहीद होता है तो हम उसका धर्म-जाति नहीं देखते। हमें उन पर गर्व होता है। यही सद्भाव है।
धर्म के नाम आरक्षण संविधान सम्मत नहीं
होसबोले ने कहा कि भारत के संविधान के मुताबिक, धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। अगर कोई सरकार ऐसा करती है तो वह बाबा साहेब की मंशा के खिलाफ काम कर रही है। एक बार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण का ऐलान कर दिया था लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे लागू नहीं होने दिया।
जनता ने बताया कैसा है भाजपा का काम
उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने यह बता दिया है कि बीजेपी का कामकाज कैसा रहा है। हमें लगता है कि सबकुछ ठीक चल रहा है। अगर हमें कुछ लगता है कि इस क्षेत्र में यह काम किया जाना चाहिए तो हम हमारी बात भी रखते हैं। बाकी हम बीजेपी के अभिभावक नहीं हैं जो हम रोज उन्हें बताएं कि यह करो।
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