Happy Birthday Nawaz : 50 वर्ष के पूरे हुए नवाजुद्दीन सिद्दीकी
नवाजउद्दीन बैक स्टेज पर काम किया करते थे
फिल्मों में रोल पाने के संघर्ष में उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा आया था कि उनके पास दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने तक के पैसे नहीं थे।
मुंबई। बॉलीवुड में अपने संजीदा अभिनय के लिये मशहूर नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज 50 वर्ष के हो गये।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जन्म 19 मई 1974 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना गांव में हुआ था। वर्ष 1999 में नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनेता बनने का सपना लिये मुंबई आए थे। नवाजउद्दीन बैक स्टेज पर काम किया करते थे। स्टेज की साफ-सफाई करना, एक्टर्स के लिए चाय-पानी लाने का काम भी करते थे।
काफी मेहनत के बाद उन्हें आमिर खान की वर्ष 1999 में प्रदर्शित फिल्म 'सरफरोश' में काम करने का अवसर मिला। 'मुन्नाभाई एमबीबीएस', 'ब्लैक फ्राइडे', 'देव डी' और 'न्यूयॉर्क' जैसी कई फिल्मों में नजर आने के बावजूद नवाजुद्दीन ऑडियंस के बीच अपनी पकड़ नहीं बना पाए। उन्हें असल पहचान वर्ष 2010 में प्रदर्शित फिल्म 'पीपली लाइव' से मिली थी। 'पीपली लाइव' से दर्शकों की नजर में आने के बाद वर्ष 2012 में अनुराग कश्यप ने उन्हें 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में फैजल का रोल ऑफर किया और इस एक रोल ने नवाज की की किस्मत पलट दी।उसके बाद से उनके पास एक से बढ़कर एक फिल्मों के ऑफर की लाइन लग गई।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र होने के बाद भी नवाजुद्दीन को शुरुआती दिनों में कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था। वह ऑडिशन दे-देकर थक गए थे। टीवी निर्माताओं ने एक बार उन्हें खूब बेइज्जत किया था। उन्हें यह कहकर जलील किया गया था कि यदि तुम्हें लिया तो ज्यादा लाइट्स लगानी पड़ेंगी। संघर्ष के दिनों में नवाजुद्दीन ने मुंबई में चौकीदार की नौकरी की, लेकिन वहां से उन्हें निकाल दिया गया, जबकि कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें यह नौकरी मिली थी। उन्होंने अपने दोस्त से पैसे उधार लेकर सिक्योरिटी अमाउंट भरी थी।
नवाजुद्दीन शारीरिक रूप से काफी कमजोर थे, इसलिए ड्यूटी पर वह अक्सर बैठे ही रहते थे। एक दिन मालिक की नजर उन पर पड़ी तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा। उन्हें सिक्योरिटी का पैसा भी वापस नहीं मिला। नवाज ने बताया था कि तंगहाली के दिनों में वह अपने दोस्त के साथ दादर की सब्जी मंडी पहुंचे और 200 रुपये का धनिया खरीदा। फिर '10 की एक गड्डी' चिल्लाते हुए धनिया बेचने लगे। थोड़ी ही देर में धनिया काला पडऩे लगा और मुरझा गया। फिर वो वापस सब्जीवाले के पास पहुंचे। वजह पूछी तो उसने कहा कि आपने पानी डाला था क्या? इसके बाद नुकसान उठाकर दोनों पैदल घर की तरफ निकल गए। नवजाउद्दीन ने बताया था कि फिल्मों में रोल पाने के संघर्ष में उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा आया था कि उनके पास दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने तक के पैसे नहीं थे। आखिरकार थक-हारकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी कॉलेज के अपने सीनियर के पास उधार मांगने पहुंचे और उनसे 50 रुपए उधार मिलते ही नवाज की आंखों में आंसू छलक पड़े।
नवाजउद्दीन ने अपने सिने करियर के दौरान तलाश, द लंच बॉक्स ,किक, बदलापुर, बजरंगी भाईजान, मांझी द माउंटेन मैन, रईस समेत कई कामयाब फिल्मों में काम किया है।
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