70 वर्ष के हुए उदित नारायण : फिल्म ‘उन्नीस बीस’ से की शुरुआत, संघर्ष के बाद बॉलीवुड में बनाई अपनी एक अलग पहचान
बचपन के दिनों से ही उनका रुझान संगीत की ओर था
बॉलीवुड के प्रसिद्ध पाश्र्वगायक उदित नारायण 70 वर्ष के हो गए। उदित ने अपने करियर की शुरुआत नेपाल में आकाशवाणी से की और 1978 में मुंबई आकर शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षण लिया। 1980 में राजेश रौशन की फिल्म ‘उन्नीस बीस’ से बॉलीवुड में कदम रखा। शुरुआती संघर्षों के बाद उन्होंने कई बी-सी ग्रेड फिल्मों में गाया और पहचान बनाई।
मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने पाश्र्वगायक उदित नारायण 70 वर्ष के हो गए। उदित नारायण झा का जन्म 1 दिसंबर 1955 को एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन के दिनों से ही उनका रुझान संगीत की ओर था और वह पाश्र्वगायक बनना चाहते थे। इस दिशा में शुरुआत करते हुए उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा पंडित दिनकर कैकिनी से हासिल की। उदित नारायण ने गायक के रूप में अपने करियर की शुरुआत नेपाल में आकाशवाणी से की जहां वह लोक संगीत का कार्यक्रम पेश किया करते थे। लगभग आठ वर्ष तक नेपाल के आकाशवाणी मंच से जुड़े रहने के बाद वह 1978 में मुंबई चले गए और भारतीय विद्या मंदिर में स्कॉलरशिप हासिल कर शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेने लगे।
वर्ष 1980 में उदित नारायण की मुलाकात मशहूर संगीतकार राजेश रौशन से हुई, जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचान कर के अपनी फिल्म ‘उन्नीस बीस’ में पाश्र्वगायक के रूप में उन्हें काम करने का मौका दिया, लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह नकार दी गई। दिलचस्प बात है कि इस फिल्म से उन्हें आदर्श मोहम्मद रफी के साथ पाश्र्वगायन का मौका मिला। लगभग दो वर्ष तक मुंबई में रहने के बाद वह पाश्र्वगायक बनने के लिए संघर्ष करने लगे। आश्वासन तो सभी देते, लेकिन उन्हें काम करने का अवसर कोई नहीं देता था। इस बीच उदित नारायण ने ‘गहरा जख्म’, ‘बड़े दिल वाला’, ‘तन बदन’, ‘अपना भी कोई होता’ और ‘पत्तों की बाजी’ जैसी बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में पाश्र्वगायन किया, लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।

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