भारत में तस्करी से बढ़ती चुनौतियां  

सबसे पहले सीमा सुरक्षा को मजबूत करना आवश्यक है

भारत में तस्करी से बढ़ती चुनौतियां  

इसके अलावा भारतीय तारे वाले कछुए, जो अपनी औषधीय और सजावटी उपयोगिता के लिए प्रसिद्ध हैं को अवैध रूप से तस्करी करके विदेशों में भेजा जा रहा है।

भारत में तस्करी के मुख्य स्रोतों और मार्गों में बदलाव आ रहे हैं और इनमें मादक पदार्थों, सोने, वन्यजीव उत्पादों और अन्य अवैध वस्तुओं की तस्करी प्रमुख रूप से शामिल है। तस्करी की विभिन्न प्रवृत्तियां भारत में विविध रूपों में देखने को मिलती हैं। रिपोर्ट में कई प्रमुख प्रवृत्तियां उजागर हुई हैं। इनमें कोकीन और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी, सोने की तस्करी, वन्यजीवों की तस्करी और सिंथेटिक ड्रग्स का बढ़ता कारोबार शामिल हैं। 

भारत में तस्करी एक बड़ी समस्या बन गई है, जो सिर्फ कानून व्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति, समाज और पर्यावरण पर भी असर डाल रही है। तस्करी का प्रभाव केवल कुछ क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह पूरे देश की सुरक्षा, स्वास्थ्य, समाज और पर्यावरण को प्रभावित करता है। राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा जारी की गई भारत में तस्करी रिपोर्ट 2023-24 में तस्करी की बढ़ती घटनाओं के बारे में चेतावनी दी गई है और इसके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत बताई गई है। तस्करी का मतलब है, अवैध रूप से मादक पदार्थों, सोने, रत्नों और वन्यजीवों के अवशेषों जैसे सामानों का व्यापार करना। भारत में तस्करी के मुख्य स्रोतों और मार्गों में बदलाव आ रहे हैं और इनमें मादक पदार्थों, सोने, वन्यजीव उत्पादों और अन्य अवैध वस्तुओं की तस्करी प्रमुख रूप से शामिल है। तस्करी की विभिन्न प्रवृत्तियां भारत में विविध रूपों में देखने को मिलती हैं। रिपोर्ट में कई प्रमुख प्रवृत्तियां उजागर हुई हैं। इनमें कोकीन और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी, सोने की तस्करी,   वन्यजीवों की तस्करी और सिंथेटिक ड्रग्स का बढ़ता कारोबार शामिल हैं। इसके अलावा म्यांमार, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ भारत की सीमाओं का भी इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जा रहा है। कोकीन की तस्करी 2023-24 में 47 मामलों तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष के 21 मामलों से कहीं अधिक है। इसका मुख्य कारण दक्षिण अमेरिका और अफ्रीकी देशों से सीधे हवाई मार्गों और समुद्री मार्गों के माध्यम से भारत में मादक पदार्थों का प्रवेश है। तस्कर इन मादक पदार्थों को हवाई अड्डों या समुद्र के रास्ते भारत में भेजते हैं। इसके अलावा ब्लैक कोकीन नामक एक नया प्रकार भी सामने आया है, जो अन्य सामान्य कोकीन से अलग है। इसको ऐसे रासायनिक पदार्थों से ढ़ककर तस्करी की जाती है, जो इसे सामान्य डिटेक्शन से बचने में मदद करते हैं, जैसे कि चारकोल या लोहे का ऑक्साइड। इस प्रकार की तस्करी को रोकने के लिए नए और उन्नत तकनीकी उपायों की आवश्यकता है। भारत में सोने की तस्करी विशेष रूप से बढ़ी है, क्योंकि देश में सोने पर उच्च आयात शुल्क लगाया जाता है। इसके कारण अवैध तस्करी को बढ़ावा मिलता है। रिपोर्ट में यह पाया गया है कि सोने की तस्करी पश्चिम एशिया से विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से की जा रही है।  इसके अलावा भारत में वन्यजीवों की तस्करी भी एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। हाथी दांत, तेंदुओं की खाल, पैंगोलिन, मोर और अन्य संरक्षित प्रजातियों की तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इन प्रजातियों की तस्करी से जैव विविधता पर संकट बढ़ रहा है और पर्यावरणीय असंतुलन पैदा हो रहा है। विशेष रूप से हाथी दांत की तस्करी दक्षिण-पूर्व एशिया में उच्च मांग के कारण बढ़ी है। इसके अलावा भारतीय तारे वाले कछुए, जो अपनी औषधीय और सजावटी उपयोगिता के लिए प्रसिद्ध हैं को अवैध रूप से तस्करी करके विदेशों में भेजा जा रहा है।

इसी तरह भारत में म्यांमार, लाओस और थाईलैंड जैसे देशों से सिंथेटिक ड्रग्स और हेरोइन की तस्करी की घटनाएं बढ़ी हैं। ये ड्रग्स मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों के माध्यम से भारत में प्रवेश करते हैं। यह क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से तस्करी के लिए उपयुक्त है, क्योंकि यहां की सीमाएं न तो पूरी तरह से सुरक्षित हैं और न ही इन क्षेत्रों में निगरानी प्रणाली पर्याप्त है। भारत में तस्करी के लिए मुख्यत: तीन प्रमुख मार्गों का उपयोग किया जाता है हवाई मार्ग, समुद्री मार्ग और जमीनी मार्ग। हवाई मार्ग तस्करों के लिए एक सुविधाजनक मार्ग बन चुका है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात में वृद्धि हुई है। तस्कर मादक पदार्थों को सूटकेस, पार्सल या शारीरिक रूप से निगलकर भारत भेजने का प्रयास करते हैं। एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा उपायों को चकमा देकर यह पदार्थ विदेशों से बड़ी आसानी से भारत में लाए जाते हैं। जब ये वस्तुएं अवैध रूप से आयात या निर्यात की जाती हैं,  तो सरकार को उनका कर और शुल्क नहीं मिल पाता, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि बाधित होती है। मादक पदार्थों की तस्करी विशेष रूप से चिंता का विषय है, क्योंकि यह युवा पीढ़ी को नशे की लत में डाल देती है। नशे के कारण युवाओं में अपराध की प्रवृत्तियां बढ़ रही हैं, जो न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज में असंतुलन का कारण भी बनती हैं। इसके परिणामस्वरूप अपराध दर में वृद्धि होती है और समाज में असुरक्षा की भावना पनपती है। इसके अलावा सोने और अन्य कीमती धातुओं की तस्करी से सरकार को राजस्व की हानि होती है। तस्करी के जरिए ये वस्तुएं अवैध रूप से आयात होती हैं, जिससे भारतीय बाजार में इनकी आपूर्ति बढ़ जाती है, इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भारत में तस्करी को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। सबसे पहले सीमा सुरक्षा को मजबूत करना आवश्यक है। इसके लिए नई तकनीकों का उपयोग जैसे ड्रोन, कैमरा निगरानी और सेंसर आधारित सुरक्षा उपायों को लागू करना चाहिए, ताकि तस्करी की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके।   

-देवेन्द्रराज सुथार
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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