जानें राज-काज में क्या हैं खास

कर्म और फल के भरोसे

जानें राज-काज में क्या हैं खास

चर्चा करने वाले भाई लोग दोनों तरफ के थे, जिनकी लिस्ट काफी लम्बी है।

कर्म और फल के भरोसे
सूबे के राज की कुर्सी को लेकर पिछले एक साल से कई तरह की चर्चाएं हुईं। चर्चा करने वाले भाई लोग दोनों तरफ के थे, जिनकी लिस्ट काफी लम्बी है। सूची में सबसे ज्यादा नाम सरदार पटेल मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा के ठिकाने पर आने वालों के है। इनमें से कई भाई लोगों को तो रात-दिन राज की कुर्सी के सपने आ रहे हैं। राज का काज करने वाले में चर्चा है कि अटारी वाले भाई साहब को लेकर भी कई तरह की अफवाहें फैलाने में कोई कसर नहीं छोडी, लेकिन कर्म पर ज्यादा विश्वास करने वाले भाई साहब भी एक कदम आगे निकले, जो कुछ मैसेज देना था, चुपचाप दे दिया। अब भाई लोगों को कौन समझाए कि जिसने एक बार सरपंची कर ली, वह सारे दांवपेच में माहिर हो जाता है। धनु राशि वाले भाई साहब तो पूंछरी वाले श्रीनाथ जी महाराज के आशीर्वाद से कर्म करने में माहिर हैं, फल देना ऊपर वाले पर छोड़ते हैं।

सुगबुगाहट बदलाव की
सूबे में इन दिनों एक बड़े दल में बदलाव की सुगबुगाहट जोरों पर है। दल भी छोटा-मोटा नहीं, बल्कि 139 साल पुराना अंग्रजों के जमाने का है। इंदिरा गांधी भवन में बने ठिकाने पर आने वाले वर्कर्स में सुगबुगाहट है कि एसेम्बली के उपचुनावों में तीन सीटों को खोने के बाद आलाकमान का मूड उखड़ा हुआ है। उखड़े भी क्यों नहीं, इलेक्शन मैनेजमेंट में कई खामियां जो रह गईं। हार्डकोर वर्कर्स में चर्चा है कि पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए एक खेमे के लोगों ने आलाकमान को नीचे से ऊपर तक बदलाव करने की सलाह दी। अब आलाकमान उनकी सलाह को कितना तवज्जो देते हैं, उसका असर तो दो-तीन महीने बाद पता चलेगा, किन्तु एक खेमे के लीडर हाथ-पैर मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

जलवा भारती भवन का
जलवा तो जलवा ही होता है और अब जलवा होता है, तो उसकी चर्चा भी होती है। अब देखो न, सूबे में फर्स्ट टाइम राइजिंग राजस्थान में भारती भवन वालों ने भी अपना जलवा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाई साहबों ने जलवा भी बडेÞ धन कुबेरों के जरिए नहीं, बल्कि  एमएसएमई के बैनर तले छोटे-मोटे कारखानों को लेकर दिखाया है। इसको लेकर बातें भी खूब हुई, मगर जलवा दिखाने वालों ने इसकी परवाह तक नहीं की। चर्चा है कि अब तक शाखाएं लगाने तक सीमित भाई साहबों ने अपना दूसरा रूप दिखाने के लिए पहली बार मिली जिम्मेदारी को निभाने के लिए दिन रात पसीने बहाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके पीछे के राज को समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाडी है।

एक जुमला यह भी
सूबे में सात दिन से एक जुमला जोरों पर है। जुमला भी छोटा-मोटा नहीं, बल्कि राजस्थान को राइज करने के मकसद से किए जमघट को लेकर है। जुमला है कि दुनियाभर के लोगों ने राइजिंग राजस्थान का लुत्फ उठाया, लेकिन सबसे ज्यादा मजे सूरजमल की नगरी से आए बंधुओं ने लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बसों में सवार होकर आए भाई लोग तीन दिन तक मन मोहक ना-ना प्रकार के व्यंजनों के साथ नाच गानों से भी आनंदित हुए बिना नहीं रहे। चर्चा है कि जब कोठ्यार का मालिक ही काकाजी हो, तो भतीजों की बीसों अंगुलियां घी में डूबे बिना नहीं रहतीं।

Read More झुलसती संवेदनाएं और नाकाम होती व्यवस्था

एल.एल. शर्मा
(यह लेखक के अपने विचार हैं)

Read More प्रदूषण से उड़कर बादलों में घुलते कीटनाशक

Post Comment

Comment List

Latest News

हरियालो राजस्थान कॉनक्लेव : हरित भविष्य के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया पर्यावरण प्रदर्शनी का उद्घाटन, हरियालो राजस्थान कॉनक्लेव : हरित भविष्य के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया पर्यावरण प्रदर्शनी का उद्घाटन,
राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गुरुवार को होटल मैरियट में आयोजित हरियालो राजस्थान: पर्यावरण कॉनक्लेव...
Gold and silver price : शुद्ध सोना पांच सौ रुपए सस्ता, चांदी पांच सौ रुपए महंगी
दिल्ली में कोहरे का असर : दृश्यता कम होने से 27 उड़ानें रद्द, कई फ्लाइटों में देरी
केंद्र से 2000 करोड़ हासिल करने की तैयारी, SASCI अर्बन रिफॉर्म्स को लागू करने पर मंथन
‘तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी’ का ट्रेलर रिलीज : हंसी, रोमांस और इमोशनल ड्रामा का लगेगा तड़का, जानें रिलीज डेट 
राज्यपाल की राम. वी. सुतार के निधन पर शोक संवेदना, कहा- भारतीय कला के महान कलाकार थे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्र के नाम संदेश, 'टैरिफ' के फायदों सहित अपनी आर्थिक उपलब्धियों को गिनाया