जानें राज काज में क्या है खास
लीडर्स में मची होड़
सूबे में इन दिनों खाकी और काला रंग फिर चर्चा में हैं।
चर्चा में खाकी और काला रंग :
सूबे में इन दिनों खाकी और काला रंग फिर चर्चा में हैं। हो भी क्यों न, खाकी और काले कोट वाले भाई लोगों ने अपना-अपना रंग जो दिखा दिया। सूर्यनगरी में खाकी वाले साहब ने अपनों के लिए पुलिसिया अंदाज में जो कुछ किया, वह जग जाहिर है। पीएचक्यू में झण्डे के नीचे बैठने वाले बड़े साहब तक वाकिफ हैं, लेकिन न्याय के मंदिर वालों ने उनसे भी एक कदम आगे बढ कर ऑर्डर दिया, तो खाकी वाले साहब लोग ऊपर से नीचे तक हिले बिना नहीं रहे। यह दीगर बात है कि मनमसोस कर उनको ऑडर का पालन करना पड़ा, लेकिन सोशल मीडिया पर खाकी वालों ने हमीर की आड़ में जो संदेश दिया, वह भी फ्यूचर के लिए बड़ी चेतावनी से कम नहीं है। अब उनके संदेश को समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी है।
खेल और पॉवरगेम :
गुजरे जमाने में क्रिकेट के लिए अपना नाम कमाने वाली आरसीए भी इन दिनों पॉवरगेम के फेर में फंसी हुई है। नेताओं के साथ ब्यूरोक्रेट्स भी इस पॉवरगेम का दिन रात मजा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। एट पीएम के बाद तो इस गेम का सुरूर ही बदल जाता है। पॉवरगेम के इस फेर का असर नागपुर में सूबे की बेटियों पर भी पडे बिना नहीं रहा। राज का काज करने वाले भी लंच केबिनों में बतियाते हैं कि आरसीए में सत्ता संघर्ष और गुटबाजी नई बात नहीं है, लेकिन इस बार तो बॉल पैवेलियन से बाहर तक निकल गई।
लीडर्स में मची होड़ :
सूबे में इन दिनों लीडर्स में एक होड़ मची हुई है। इस अजीब सी होड़ को लेकर दबी जुबान में चौराहों पर बातें भी हुए बिना नहीं रहती। होड़ मचाने में दोनों बडेÞ दलों के बड़े लीडर भी है। भगवा वाले भाई लोगों का तो इस मामले में कोई सानी नहीं है। अब देखो न, भगवा वाला कोई लीडर ब्याह में न्यौता से हुजूम उमड़वाता है, तो फिजूलखर्ची पर अपना मुंह खोलने वाले दूसरे नेता भी एक कदम आगे निकलते हैं। बडी मैम किसी के ब्याह-षादी में जाती है, तो दूसरी मैम भी जाए बिना नहीं रहती। और तो और खुद की फोटो को सोषल मीडिया पर अपलोड करने में कोई कंजूसी नहीं करता। फोटोज पर फूलमाला चढ़ाने तक में कम्पीटिषन हुए बिना नहीं रहता। अब इन न्यू लीडर्स को कौन समझाए कि माला चढ़ाने से ही पार पडती तो, रात-दिन पसीने बहाने की जरुरत नहीं पड़ती।
एक जुमला यह भी :
सूबे में इन दिनों एक जुमला जोरों पर है। जुमला भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि दिल्ली वाले बड़े नेताओं की नकल को लेकर है। जुमले की चर्चा भी दोनों दलों के ठिकाने पर हुए बिना नहीं रहती। सबसे ज्यादा चर्चा सरदार पटेल मांर्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वाले के ठिकाने पर है। जुमला है कि सूबे के कुछ बडे नेता इन दिनों दिल्ली वाले नंबर दो लीडर की तरह बनने की कोषिष कर रहे हैं। उनकी नकल करने के लिए जी तौड मेहनत कर रहे है। बात करने का तरीका और बॉडी लैंग्वेज भी उसी तरह बनाते है, लेकिन उनको कौन समझाए कि राजस्थान में हमेषा दिल्ली की पॉलिटिक्स से अलग हटकर चलने की परम्परा रही है।
-एल. एल. शर्मा
(यह लेखक के अपने विचार हैं)

Comment List