शिव तत्व को जानने का तरीका शिव महापुराण

कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की ब्रह्मा शिव महापुराण कथा का चतुर्थ दिवस

शिव तत्व को जानने का तरीका शिव महापुराण

तीर्थनगरी पुष्कर में आयोजित सात दिवसीय देश की पहली श्री ब्रह्मा शिव महापुराण कथा में शनिवार को गर्मी व उमस के बीच 1 लाख श्रोताओं ने कथा का रसपान किया।

न्यूज सर्विस/नवज्योति, पुष्कर। तीर्थनगरी पुष्कर में आयोजित सात दिवसीय देश की पहली श्री ब्रह्मा शिव महापुराण कथा में शनिवार को गर्मी व उमस के बीच 1 लाख श्रोताओं ने कथा का रसपान किया। अंतर्राष्टÑीय ख्याति प्राप्त कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) ने कहा कि सब देवता मनुष्य को भाग्य के हिसाब से ही देते है लेकिन शिवमहापुराण कहती है कि महादेव जब भक्तों को देते है तो छप्पर फाड़ के देते है। शिव तत्व को जानने का एक तरीका शिव महापुराण की कथा है। भगवान शंकर की कथा को अपने जीवन में उतारना है। और अब जब जीवन में भगवान की भक्ति को पाएगी नहीं तब तक ये 84 लाख योनियों हमसे छूटने वाली नहीं है। ये 84 लाख योनियों के चक्र से छूटने एक मात्र साधन भगवान की भक्ति और भजन है।

मेला मैदान में आयोजित कथा में अजमेर के चन्द्रकांता-कैलाशचंद, मोनिका-राकेश, कीर्ति-अमितकुमार गुप्ता खण्डेलवाल परिवार की ओर से आयोजित कथा के चतुर्थ दिवस शनिवार को कथा शुरूआत में पं. मिश्रा ने व्यास गद्दी को प्रणाम व शिवमहापुराण व लड्डू गोपाल का पूजन कर व्यास पीठ पर विराजित हुए। उन्होंने ऊं नम: शिवाय मंत्र के उच्चारण से कथा स्थल में अपार जनसमूह को मंत्र मुग्ध कर दिया। पं. मिश्रा ने कहा कि गाड़ी और वाणी में ब्रेक होना चाहिए। सबकों अपने जीवन में वाणी में ब्रेक होना चाहिए ताकि किसी को कोई अपशब्द या गलत नहीं बोल दे। शरीर के किसे भी हिस्से में घाव हो तो जल्दी नहीं भरा जाता है और जीभ पर हुआ जल्दी भर जाता है लेकिन किसी को जीभ से दिया हुआ अपशब्द रूपी घाव पूरी जिंदगी भर नहीं भरा जाता है। उन्होंने कहा कि कोटि कोटि जन्म ले लो लेकिन भगवान शंकर को कोई नहीं जान सकते है। चाहे कितने युग बीते जाए लेकिन शंकर को नही जान पाते है। ब्रह्मा ब्रह्म लोक में, विष्णु बैकुण्ठ में रहते है और पृथ्वी का कार्यभार संभालने के लिए महादेव है, क्योंकि महादेव यहां इसलिए है कि जब पृथ्वी पर किसी को दुख आएगा तो देवता भी यहां होने चाहिए। अत: महादेव ही सभी भक्तों के दुखों को दूर करते है।

कोई सेठ सुख खरीद और दुख किसी को नहीं बेच सकता है
कथा व्यास ने कहा कि दुनिया का कितना भी बड़ा सेठ हो तो अपनी बीमारी, दुख, कष्ट किसी को बेच नहीं सकता है वैसे ही वह सेठ किसी भी व्यक्ति के सुख को नहीं खरीद सकता है। उस सेठ की जिंदगी में जो लिखा है कि उसके कर्म के अनुसार उसको भोगना ही पड़ेगा। इसलिए बुरे कर्म नहीं करना चाहिए, सद्कर्म करो भगवान भक्ति व भजन कर सुखी जीवन जीओ। दुख की घड़ी में महादेव के दर पर जाकर दो लौटा जल चढ़ाए सब दुख दूर हो जाएंगे।

कौन होता है किस्मतवाला
पं. मिश्रा ने कहा कि किस्मत वाला कौन होता है, जो ज्यादा पैसे वाला, जो बेटों-बेटियों, धन व वैभव वाले होता वह है। शिव महापुराण कथा कहती है जो मनुष्य यह शरीर पाकर राम, शिव और कृष्ण का नाम अपने मुंह से ले वहीं सबसे ज्यादा किस्मत वाला होता है। उन्होंने कहा कि पैसे तो वैश्या भी कमा लेती है। उन्होंने कहा कि दशरथजी जिनके घर पर भगवान श्रीराम ने जन्म लिया, भीष्म पितामह जिन्होंने भगवान कृष्ण का बचपन से जीवन का दर्शन किया। गिद्दराज जटायु जिसने अपने प्राण भगवान श्रीराम की गोद में त्यागे वे किस्मत वाले है। इनमें सबसे ज्यादा किस्मत वाला जटायु है। अपने जीवन का जब अंत आए तब भगवान अपने सामने हो। 

सावन माह में दो लौटा जल चढ़ाए, जल्द विवाह संबंध 
पं. मिश्रा ने कहा कि वर्ष के 11 माह भगवान शंकर को एक लौटा जल चढ़ाओ लेकिन जब महादेव का प्रिय सावन मास में भक्तों को दो लौटा लेकर शिवलिंग पर एक साथ एक धार बनाकर जल चढ़ाना चाहिए। शिवमहापुराण कहती है कि बेटा और बेटी या रिश्तेदार अगर 35 वर्ष से ऊपर हो गया है कि और उसकी शादी संबंध नहीं हो रहे हो तो उन्हें शिवालय जाकर दोनों लौटों के जल को एक धार बनाते हुए शिवलिंग की जलाधारी से शुरू करते हुए वो धार शिवलिंग पर ले जाकर चढ़ा देना चाहिए और श्रावण मास में आपने ये कार्य 7 दिन कर लिया तो महादेव की कृपा से 3-4 माह में आपको अच्छे समाचार मिल जाएंगे। 

बीमारी दूर भगाने के लिए ये उपाय करें
बड़ी बड़ी से बीमारी दूर करने के लिए पं. मिश्रा ने उपाय बताया कि शिवभक्त को श्रावण माह में शिवालय के शिवलिंग की शुरुआती जलधारी पर एक बेल्व पत्र, दूसरा बेल्व पत्र जलधारी के हस्तकमल पर और तीसरा बेल्वपत्र शिवलिंग पर चढ़ाए और उस बेल्वपत्र के डंडी का मुख जहां वह बैठे है उसके विपरीत दिशा में होना चाहिए। और उसके दो बाद लौटा जल लेकर धीरे धीरे शिवलिंग पर जल चढ़ाए और जल आचमन करने से उस व्यक्ति के किसी भी तरह की बड़ी से बड़ी बीमारी नहीं लगेगी।

संतान सुख नहीं है तो करे ये उपाय
अगर किसी को संतान सुख नहीं मिल रहा है तो उस व्यक्ति को शंकर का कोई भक्त या वेद और शास्त्र का ज्ञान रखने वाले ब्राह्मण को जोड़े व बच्चों के साथ बेल पत्री के पेड़ के नीचे खीर और भोजन कराए और उस खीर के प्रसाद को पति-पत्नी भी ले इससे संतान सुख मिलता है। इसके अलावा सफेद आकड़े के जड़ का प्रयोग का भी प्रयोग करना चाहिए। 

शंकर को पाने के लिए 3 सूत्र अपनाएं
पं. मिश्रा ने भगवान शंकर को प्राप्त   करने के लिए 3 सूत्र बताए है। पहला सूत्र शिवालय जाए और ऊं नम: शिवाय सहित जो भी मंत्र, भजन हो वो करे, दूसरा सूत्र शिवमहापुराण कथा जहां हो रही हो वहां या टीवी या मोबाइल पर सुनो और उस कथा को अपने जीवन में उतारो भी। तीसरा सूत्र शिवपुराण कथा में जो शिवभक्त श्रोता आये है उनको जितना हो उसके उतना पानी, शरबत या कुछ खिलाकर मुंह जरूर झूंठा कराए, इससे बड़ा सुख नहीं है।

अपने पिता का नहीं करें कभी अपमान
पं. मिश्रा ने कथा में उन बेटों से आग्रह किया जो अपने को अपने पिता से ज्यादा धन, वैभव व अनुभवी मानते है। उन्होंने कहा कि पिता वो दौलत है जो चले जाता है तो समझ लेना तुम्हारी तिजोरी का खजाना लूट गया है। उन्होंने कहा कि बेटा दुकान पर जब ज्यादा बैठना शुरू कर देता है तब उस बेटे को अनुभव होता है वह अपने पिता से ज्यादा अच्छा व्यापार कर सकता है। अपने पिता को कभी मत बताना कि वह उनसे से ज्यादा अच्छा कर लिया है। लेकिन वह बेटा अपने पिता की बराबरी कभी नहीं कर सकता है क्योंकि उसी पिता ने उस बेटे के जीवन को संवारने के लिए अपना जीवन समर्पण कर दिया है। सभी बेटों को अपने पिता पर गौरव करना चाहिए। बेटा अगर उच्च पद पर पहुंच जाए, धन दौलत वाला बन जाए लेकिन कभी भी उसको अपने पिता का अपमान नहीं करना चाहिए। 

माइ फादर-मदर इस माइ लाइफ का स्टेटस लगाए
पं. मिश्रा ने कहा कि बड़ा दुख होता है जब किसी के मोबाइल के स्टेटस पर लिखती है माइ वाइफ इस माइ लाइफ। उन्होंने कहा कि उनकी वाइफ उनके बच्चों की लाइफ है। वाइफ लाइफ जब बनती है जब उसका पति बीमार, परेशान है और दुख में तब अगर पत्नि अपने पति के साथ बराबर खड़ी है तो उस उसम लिखो माइ लाइफ से माइ वाइफ। अन्यथा सभी को अपने स्टेटस पर लगाना चाहिए कि माइ फादर-मदर इस माइ लाइफ। 

शिव परिवार के दर्शन कर घर से निकले
पं. मिश्रा ने कहा कि कभी घर से निकलों तक कभी भी शुभ मुहुर्त देखकर जाओं या ना जाओं लेकिन शिवालय में शिवलिंग और शिव परिवार का दर्शन कर जाना चाहिए, इससे सभी कार्य और यात्रा सफल हो जाते है।

शिवभक्तों के पत्रों को पढ़ा
सीकर के माधोपुरा की ममता ने पत्र में बताया कि उसका पुत्र 3 वर्ष से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इसके बाद उसके पुत्र ने शिवमहापुराण कथा सुनकर घर में शिवलिंग लेकर आया और सावन माह में दो लौटा जल चढ़ाने के उपाय से उसकी रेल्वे विभाग में सरकारी नौकरी लग गई। भीलवाड़ा जिले के बड़ा महुवा की ज्योति सोनी ने पत्र में लिखा कि उसके ससुर के कैंसर का उपचार केवल शिवलिंग पर चढ़ाए जल पिलाने व बेल्वपत्र खिलाने से मात्र 7 दिन में ही उनका कैंसर का रोग समाप्त हो गया। जोधपुर की बीनू कुंवर ने पत्र में लिखा कि उसका बेटा 3 वर्ष से मैकेनिक की तैयारी कर रहा था फिर उसने पशुपति व्रत शुरू किया लेकिन 1 पशुपति व्रत में नौकरी नहीं लगी तो उसने हिम्मत नहीं हारी, दूसरी बार फिर उसके बेटे और उसने वापस पशुपति व्रत किया इसके बाद महादेव की कृपा से उसके बेटे की रेलवे में नौकरी लग गई।

भगवान गणेश की सजीव झांकी सजाई गई
शनिवार को कथा के समापन पर भगवान शंकर और मां पार्वती के साथ भगवान श्री गणपति की सजीव झांकी सजाई गई। इसके बाद शिवमहापुराण कथा की आरती की गई। जिसमें विधायक सुरेश सिंह रावत, सुरेश टांक, अनिता भदेल, पूर्व विधायक डा. श्रीगोपाल बाहेती, अजमेर महापौर नीरज जैन, जनप्रतिनिधि, आयोजक सहित प्रबुद्धजनों ने भाग लिया। इससे पूर्व कथा शुभारंभ पर जैसलमेर सेशन जज पूरणमल शर्मा, पालिकाध्यक्ष शिवस्वरूप महर्षि, पूर्व पालिकाध्यक्ष कमल पाठक, पार्षद लक्ष्मी पाराशर, रोहन बाकोलिया, महेन्द्र सिंह खंगारोत, मनीष सोनी, ज्योतिषाचार्य पं. कैलाशनाथ दाधीच, सामाजिक कार्यकर्त्ता अरूण पाराशर, हर्ष पाराशर, गौरव मित्तल, रविकांत शर्मा, शशिकांत शर्मा आदि ने कथा व्यास पं. मिश्रा से आशीर्वाद प्राप्त किया।

महिलाओं से सिर पर पल्लू रखने की अपील
मेला मैदान में चल रही शिव महापुराण कथा में प्रतिदिन कथा प्रवक्ता द्वारा कथा शुभारंभ एवं समाप्ति पर महिला श्रद्धालुओं से सिर पर पल्लू रखकर बैठने एवं आने व जाने के दौरान भी पल्लू का ध्यान रखने की अपील की जाती है। 

गर्मी व उमस से महिला श्रोता घायल
शिव महापुराण कथा सुनने के लिए शनिवार को पुष्कर आई कुछ महिला श्रोताओं की तबीयत बिगड़ गई। कथा में शनिवार को श्रद्धालुओं की आवक ज्यादा रहीं, वहीं दोपहर 1 बजे से 4 तक तेज धूप, गर्मी व उमस होने से कथा पांडाल सहित कथा स्थल के बाहर 8- 10 महिलाओं की तबियत खराब हो गई। इनकों सामाजिक कार्यकर्त्ता जगदीश कुर्डिया सहित प्रबुद्धजनों ने घायल महिलाओं को पंडाल से बाहर लाकर हवा में लेटाया गया तथा समय पर पानी-गुलकोज देने के बाद सभी महिलाएं स्वस्थ हो गई।

अस्पताल प्रशासन ने बढ़ाई सुविधाएं
मेला मैदान में चल रही पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा में बढ़ रही श्रद्धालुओं की आवक को देखते हुए पुष्कर अस्पताल ने भी मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ा दी। डा. छाया कालरा ने बताया कि कथा के चलते 11 जुलाई तक प्रतिदिन अस्पताल समय के अतिरिक्त शाम 5 बजे तक रोगियों के जांच के लिए लैब व एक्सरे खुले रहेंगे तथा चिकित्सक सहित   नर्सिंग स्टाफ भी अपनी सेवाएं मुस्तेदी के साथ देंगे। 

भीड़ बढ़ने से मोबाइल सेवाएं लड़खड़ाई
शिव महापुराण कथा सुनने आ रही श्रोताओं की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होने से पुष्कर में मोबाइल सेवाएं लड़खड़ा गई है। उपभोक्ताओं को कॉल करने व नेट चलाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोग बार बार कॉल करने के लिए मोबाइल निकाल रहे है लेकिन ना तो कॉल लग रहा है और ना ही बात हो पा रही है। वहीं इंटरनेट की गति भी धीमी होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हंसी मजाक पर श्रोताओं ने लगाये ठहाके
कथा के दौरान में पं. प्रदीप मिश्रा ने कई प्रसंगों के बीच बीच में श्रोताओं को हंसी मजाक की बातों पर उपस्थित श्रोताओं ने जमकर ठहाके लगाये तथा प्रसन्नता व्यक्त करते हुए खूब तालियां बजाई। इस दौरान पं. मिश्रा पति-पत्नी, सास-बहु, पड़ोसन सहित रिश्तेदारों के कई प्रसंगों की बातों पर श्रोताओं को जमकर हंसा रहे है।

प्राइवेट बसे व टैम्पो वाले वसूल रहे मनमाना किराया
पुष्कर में उमड़ रही भीड़ के बावजूद रोडवेज प्रशासन ने बसों की माकूल व्यवस्था नहीं की। शिव भक्तों को प्रतिदिन बसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसका फायदा उठाते हुए प्राइवेट बसों के परिचालक कथा सुनने आने व वापस जाने वाले श्रोताओं से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। वहीं शिवभक्त श्रोताओं को बसें दूर उतारने से टैम्पो करना पड़ता है और टैम्पो वाले शिवभक्तों से वाजिब किराए लेने की बजाय मनमाना किराया वसूल कर रहे है। अजमेर के एक महिला श्रोता ने बताया कि प्राइवेट बस संचालक अजमेर से पुष्कर आने व जाने के 40 से 50 रुपए प्रति चक्कर के ले रहे है। इससे श्रद्धालुओं में भारी रोष व्याप्त है लेकिन जिम्मेदार प्रशासन उदासीन बना हुआ है। कथा सपन्न होने के बाद तो घंटों लोगों को बस स्टैंड पर बसों का इंतजार करना पड़ता है। 

पालिका प्रशासन सफाई व्यवस्था पर नहीं गंभीर
मेला मैदान में चल रही कथा में कथा स्थल व कथा स्थल के बाहर पालिका प्रशासन की सफाई व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाओं में भारी कमी देखी जा रही है। कथा स्थल के चहुंओर मुख्य सड़क पर मिट्टी व कीचड़ फैला हुआ लेकिन बार-बार शिकायत पर भी पालिका प्रशासन उदासीन ही है। इसके अलावा इन स्थानों व मुख्य बाजार में गौवंश का खुलेआम विचरण करना आम बात है।

पुलिस व प्रशासन के लिए वीआईपी स्टेण्ड में 5 कूलर 
कथा स्थल मेला मैदान में पुलिस व प्रशासनिक कैम्प में बड़े साइज के 5 कूलर के साथ आलीशान सोफे लगाए जहां पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी व कार्मिक गर्मी के बीच कथा का आनंद ले रहे है वहीं दूसरी तरफ इसी स्टैंड के नीचे शिवभक्त आम श्रोता चिल्लाती धूप में बैठकर कथा श्रवण का सौभाग्य ले रहे है। शनिवार को कुछ श्रोताओं ने धूप से बचाव के लिए छतरियां का सहारा लिया।

जनप्रतिनिधि केवल आशीर्वाद व आरती करने तक सीमित
तीर्थ नगरी पुष्कर के मेला मैदान में आयोजित शिवमहापुराण कथा में जिले के जनप्रतिनिधियों का आना बदस्तूर जारी है। इस दौरान वे जनप्रतिनिधि अपनी लक्जरी गाड़ियों में बैठकर आराम से कथा स्थल तक आ रहे है और एसी वाले कमरों तथा कूलर के बीच बैठकर कथा श्रवण व आपसी बातचीत में बिजी है। ये जनप्रतिनिधि ख्याति प्राप्त कथा व्यास पं. मिश्रा से आशीर्वाद लेकर आरती कर खुद को भाग्यशाली मान रहे है लेकिन उन्हें दूरदराज से आए हजारों श्रोताओं की सुविधाओं का कोई भान नहीं है। 

भामाशाहों की सेवाएं बढ़ी 
शिव महापुराण कथा में आने वाले शिवभक्तों के लिए पुष्कर सहित आस-पास के भामाशाह परिवारों द्वारा कथा श्रोताओं को प्रतिदिन अच्छी मात्रा में पानी की बोतलें, बिस्किट, शरबत, मिल्क रोज, फल फ्रूट सहित खाने पीने की चीजे बांटी जा रही है। कथा में पं. मिश्रा द्वारा भी भामाशाहों से शिवभक्त श्रोताओं को खाने पीने की वस्तुएं बांटने की अपील कर रहे है। 

आयोजकों ने बढ़ाई टेंट व्यवस्था
कथा के दौरान बढ़ रही भीड़ को देखते हुए कथा आयोजक एवं आयोजन समिति ने कथा श्रोताओं की सुविधाओं के लिए कथा स्थल पर धूप बचाव के लिए कुछ जगहों पर टेंट व्यवस्था को बढ़ाया है। इससे शनिवार को श्रोेताओं को कुछ राहत देखने को मिली।

पं. दाधीच ने किया पं. मिश्रा का सम्मान
पुष्कर में चल रही शिव महापुराण कथा में व्यास पीठ से श्रोताओं को कथा का रसपान करा रहे कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा का धर्मप्रेमियों द्वारा स्वागत किया गया। शनिवार को ब्रह्मलीन वेदमूर्ति पं. हरदेव शर्मा पाराशर के शिष्य एवं याज्ञिक सम्राट पं. कमलनयन दाधीच ने पं. मिश्रा का वेद मंत्रों के साथ दुपट्टा व माला पहनाकर अभिनंदन किया। इस दौरान पं. राजू शास्त्री, पं. सांवरिया, पं. गौतम शास्त्री आदि विद्वान पंडितों ने भी पं. मिश्रा का आशीर्वाद प्राप्त किया।

श्रीजी महाराज आज आएंगे
मेला मैदान में चल रही पं. प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा में रविवार को निंबार्क पीठाधीश्वर जगदगुरु श्रीजी महाराज श्यामशरण देवाचार्य भी मौजूद रहेंगे। कथा यजमान खंडेलवाल परिवार द्वारा श्रीजी महाराज की अगवानी की जाएगी। 

पं. मिश्रा के पुश्तैनी पुरोहित ने बही खाते में लिखवाया नाम
पुष्कर में कथा व्यास पं. प्रदीप मिश्रा के आगमन पर शनिवार को उनके पुश्तैनी पुरोहित पुरुषोत्तम पराशर, नंदकिशोर पाराशर ने पं. मिश्रा से भेंट कर अपनी पुश्तैनी बही खाते नाम   लिखवाया। इस मौके पर पं. मिश्रा ने तीर्थ पुरोहित का माला पहनाकर अभिनंदन किया।

पालिकाध्यक्ष महर्षि ने चखा इंदिरा रसोई का खाना
शिव महापुराण कथा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए चल रही कस्बे की इन्दिरा रसोई के सभी चारों भोजनशालाओं में पालिकाध्यक्ष शिवस्वरूप महर्षि ने पहुंचकर भोजन लिया। उन्होंने कहा कि एक दो इंदिरा रसाई में अव्यवस्थाओं पर अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए गए। बताया कि सभी भोजनशाला में भोजन यात्रियों के लिए निशुल्क है औ२ा खाने का स्वाद भी स्वादिष्ट था। 

वीआईपी गेट पर पुलिस के व्यवहार से श्रोताओं में रोष
पुष्कर के मेला मैदान पर चल रही शिवमहापुराण कथा श्रवण करने पहुंच रहे शिवभक्त श्रोताओं को अचानक वीआईपी गेट पर पहुंचने पर पुलिस के पुलिसियां रौब से रूबरू होना पड़ रहा है। इस दौरान श्रोताओं के साथ लोकल जनप्रतिनिधि व प्रबुद्धजन महिलाएं भी पुलिस के व्यवहार से नाखुश है। महिलाओं ने कहा कि पुलिस को कथा श्रवण करने आ रहे शिवभक्त श्रोताओं से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। साथ ही कहा कि बीते 4 दिनों से इस गेट पर लगा रखे कि पुलिस स्टॉफ को यहां से हटाकर अन्यत्र लगाया जाना चाहिए। 

शाम को बारिश से मिली निजात
शनिवार को दिनभर चिल्लचिलाती धूप, गर्मी व उमस के बाद शाम 5 बजे बादलों ने रिमझिम बारिश के साथ बरसना शुरू किया। तथा तेज बारिश से गर्मी में थोड़ी राहत दी। वहीं रूक रूक कर रात तक हुई बारिश से जहां थोड़ी ठंडक मिली। इस दौरान कुछ परेशानी मेला मैदान में बने कथा स्थल पर डेरा डाले बैठे शिवभक्त श्रोताओं के बीच देखने को मिली। इस दौरान मैदान के बाहर से व टेंट के ऊपर से पानी कथा स्थल पर बैठे श्रोताओं के बीच पहुंच गया जिससे वहां बैठे शिवभक्तों के बैठने की दरियां जरूर गिली हो गई। इधर बारिश से कस्बे की निचली बस्तियों में भी पानी भर गया।

कथा स्थल पर संगीतमय सुंदरकांड
मेला मैदान में स्थित कथा स्थल पर शनिवार की शाम संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें वहां डेरा डाले बैठे शिवभक्त श्रोताओं के साथ कस्बे के प्रबुद्धजनों ने भी सुंदरकाण्ड की चौपाईयों का वाचन किया। पुष्कर के दीनदयाल पाराशर, दिनेश पाराशर, गिरी मेवाड़ा पार्टी ने सुंदरकांड की चौपाईयों से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस मौके पर पुष्कर के सामाजिक कार्यकर्त्ता अरूण पाराशर, एडवोकेट रघु पारीक, इन्दर सिंह पंवार सहित प्रबुद्धजन मौजूद थे।

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