अजमेर : सुप्रीम कोर्ट ने सेवन वंडर्स हटाने या तोड़ने के लिए सरकार को दी छह माह की मोहलत
वेटलैंड में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत हुए निर्माणों का मामला
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को सेवन वंडर्स को तोड़ने या अन्यंत्र शिफ्ट करने के लिए राज्य सरकार को छह माह का समय दिया गया।
अजमेर। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत आनासागर झील किनारे बनाए गए सेवन वंडर्स को ध्वस्त या स्थानान्तरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को छह माह का समय दिया है। पाथ वे, गांधी स्मृति उद्यान और आजाद पार्क में हुए निर्माणों के सम्बंध में अब सुप्रीम कोर्ट में सात अप्रैल को सुनवाई होगी। प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार का पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष केन्द्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा। मुख्य सचिव सुधांशु पंत तथा याचिकाकर्ता अशोक मलिक भी सुनवाई में ऑनलाइन शामिल हुए। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गत 12 मार्च को 49 पेज का हलफनामा पेश किया था। जिसमें बताया गया कि फूड कोर्ट की एक विंग तोड़ दी गई है, गांधी स्मृति उद्यान में लगी टाइल्स तोड़ दी गई हैं और सेवन वंडर्स में लगी एक प्रतिमा को हटा दिया गया है। इसका काउंटर हलफनामा अशोक मलिक ने गत 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को सेवन वंडर्स को तोड़ने या अन्यंत्र शिफ्ट करने के लिए राज्य सरकार को छह माह का समय दिया गया। फूड कोर्ट पूरी तरह हटाना होगा।
नया वेटलैंड बनाने की प्लानिंग सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेगी राज्य सरकार
याचिकाकर्ता अशोक मलिक के अनुसार पाथ वे पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पाथ वे तोड़ने की बजाय शहर में अन्यंत्र वेटलैंड विकसित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार इस सम्बंध में सात अप्रैल को अपनी योजना बताए। अब नया वेटलैंड विकसित करने का मतलब है नई झील तैयार करना।
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