अदालत परिसर में अफरा-तफरी, बिजयनगर में नाबालिग छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर देह शोषण का मामला
आरोपियों से वकीलों ने की मारपीट, बचाने के लिए पुलिस ने लगाई दौड़
अदालत ने आदेश दिया कि सभी आरोपियों को चार दिन तक पुलिस रिमांड पर रखने के बाद उन्हें 21 फरवरी की दोपहर 12 बजे से पूर्व अदालत में पेश किया जाए।
अजमेर। बिजयनगर में नाबालिग छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर उनका देह शोषण करने के आरोपियों के पुलिस रिमांड पर रखने का आदेश लेकर लौटते समय कुछ वकीलों ने पुलिस सुरक्षा के बीच ही आरोपियों से मारपीट शुरू कर दी। इससे अदालत परिसर में अफरा-तफरी हो गई। ऐसे में पुलिस वालों को आरोपियों को दौड़ाते हुए थाना की जीप तक ले जाना पड़ा। अदालत ने आरोपियों को चार दिन तक पुलिस रिमांड पर रखने के बाद प्रत्येक तारीख पेशी पर दोपहर 12 बजे तक पेश करने का आदेश दिया है। बिजयनगर थाने में दर्ज नाबालिग छात्राओं को जाल में फंसाकर ब्लैकमेल व देह शोषण के आरोपी राजनगर निवासी रेहान मोहम्मद पुत्र जान मोहम्मद व अरमान पठान पुत्र कालू, तारोंं का खेड़ा निवासी सोहेल मंसूरी पुत्र अनवर हुसैन, हुरड़ा रोड गुलाबपुरा निवासी लुकमान उर्फ सोहेब पुत्र मौहम्मद उस्मान, सजनाबाद निवासी साहिल कुरैशी पुत्र मोहम्मद साबिर और अफराज पुत्र सलाम को अनुसंधान अधिकारी पुलिस उप अधीक्षक सज्जन सिंह व थाना अधिकारी सहित करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी के साथ पोक्सो प्रकरण की विशिष्ट न्यायालय संख्या एक में शाम करीब 4.30 बजे पेश करने लाए। अनुसंधान अधिकारी ने आरोपियों को सात दिनों का रिमांड लेने का आवेदन पेश कर बताया कि उन्हें आरोपियों के मोबाइल फोन, उससे प्रसारित पीड़िताओं के अश्लील व आपत्तिजनक फोटो व वीडियो सहित गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों व अन्य पीड़िताओं का पता लगाना है। विशिष्ट लोक अभियोजक रुपेन्द्र परिहार ने प्रकरण की गंभीरता और षडयंत्रपूर्वक किए गए अपराध के कारण आरोपियों को पुलिस रिमांड पर रखने की आवश्यकता पर बल दिया। अदालत ने आदेश दिया कि सभी आरोपियों को चार दिन तक पुलिस रिमांड पर रखने के बाद उन्हें 21 फरवरी की दोपहर 12 बजे से पूर्व अदालत में पेश किया जाए।
पीड़िताओं के बयान दर्ज
नसीराबाद। अजमेर के बहुचर्चित ब्लैकमेल कांड की तर्ज पर बिजयनगर में छात्राओं के साथ हुए घिनौने कृत्य से नसीराबाद में भी लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखा गया। बिजयनगर पुलिस जब पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज कराने कोर्ट पहुंची तो न्यायालय के बाहर हिंदूवादी संगठनों से जुडे लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने एक-एक कर पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज कराए।
अदालत कक्ष से बाहर निकलने पर बढ़ी लोगों की नाराजगी
मीडिया के जरिए इस घिनौने प्रकरण की जानकारी होने से कुछ लोगों में आरोपियों के प्रति नाराजगी थी। आरोपियों को अदालत में पेश करने की सूचना पर वे विचारण न्यायालय के पास जमा हो गए। अनेक लोगों ने आरोपियों को मोबाइल फोन में कैद किया। अदालत के समक्ष खड़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भी बुला लिया। वे जैसे ही आरोपियों को विचारण न्यायालय कक्ष से लेकर बाहर आए, कुछ लोगों ने आरोपियों को गालियां देना शुरुकर दी। इसी बीच आरोपियों के पीछे खड़े कुछ वकीलों ने आरोपियों को पीटना शुरू किया। हाथापाई की आवाज से अदालत परिसर में गहमा गहमी हुई। पुलिस आरोपियों को पीटने वालों को काबू करने का प्रयास करती उससे पहले ही विरोधियों की मजबूती बढ़ गई। आरोपियों से मारपीट बढ़ जाने की संभावना को देखकर पुलिस वालों को सभी आरोपियों को दौड़ाते हुए अदालत परिसर के बाहर कुंदन नगर रोड पर खड़ी जीप में बैठाकर बचाना पड़ा।
विहिप के इंदोरिया ने जताई नाराजगी
अदालत परिसर के बाहर खड़े विश्व हिंदू परिषद के शशि प्रकाश इंदोरिया ने आरोपियों की वारदात के प्रति पुलिस की नजरअंदाजी पर नाराजगी व्यक्त करते कहा कि यदि पीड़िता आवाज नहीं उठाती तो आरोपी अपना कृत्य जारी रखते। उन्होंने एक ही वर्ग के आरोपियों द्वारा किए गए अपराध को षड़यंत्र बताया और सख्त से सख्त पूछताछ करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने आरोपियों को अदालत के बंद होने के समय के करीब पेश करने पर गहरी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आगामी तारीख पेशी पर अदालत में तय समय में आरोपियों को पेश किया जाना चाहिए। उन्होंने अनुसंधान में लापरवाही नहीं बरतने का भी अल्टीमेटम दिया है।
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