जेवियर्स कॉलेज में विश्व में स्थिरता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नैतिक और निष्पक्ष उपयोग से भविष्य सुरक्षित : डॉ. रवि बापना
सेंट जेवियर्स कॉलेज में वीयूसीए विश्व में स्थिरता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकसित भारत की ओर एक अंत:विषय दृष्टिकोण विषय पर शनिवार को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई
जयपुर। सेंट जेवियर्स कॉलेज में वीयूसीए विश्व में स्थिरता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकसित भारत की ओर एक अंत:विषय दृष्टिकोण विषय पर शनिवार को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई। संगोष्ठी का उद्घाटन प्रसिद्ध विद्वान डॉ. रवि बापना कर्टिस एल कार्सन चेयर प्रोफेसर बिजनेस एनालिटिक्स और सूचना प्रणाली, यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा ने किया।
बापना के व्याख्यान का केन्द्रीय विषय कृत्रिम बुद्धिमता और डेटा की भूमिका पर केन्द्रित रहा। उन्होंने एआई की नैतिक, न्यायसंगत, निष्पक्ष प्रयोग की व्याख्या करते हुए सकारात्मक एवं सुरक्षित कल की चर्चा की। उन्होंने स्वास्थ्य, गर्भवती महिलाओं, वित्तीय सुरक्षा जैसे अनेक विषयों पर एआई टूल्स के विश्व स्तर पर प्रयोग की बात कही। लोयोला मैरीमाउंट विश्वविद्यालय से प्रोफेसर रोबर्टो डेल ओरो, बायोएथिक्स संस्थान के निदेशक ने अपने विचार ऑनलाइन साझा करते हुए एआई के नैतिक प्रभावों पर एआई और मानव मस्तिष्क की तुलना की। विशिष्ठ अतिथि के रूप में राजन कर्माचार्य मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, सेंट जेवियर्स कॉलेज काठमांडू ने तकनीकी नवाचारों और उनकी सतत विकास में भूमिका पर चर्चा की। प्रो. डॉ. रमेश चंद्र पूनिया क्राइस्ट यूनिवर्सिटी दिल्ली, डॉ. आकाश मिधा दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी और प्रो. डॉ. सुरेश राजू सी पिल्लई (एलएनएमआईआईटी जयपुर) ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए ।
संगोष्ठी में कॉलेज प्रबंधकारिणी से मैनेजर फादर डॉ. आरोक्य स्वामी, प्राचार्य प्रो. एस जेवियर उप प्राचार्य फादर डॉ. रेमंड और डीन रिसर्च फादर अमलदास का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। मैनेजर फादर आरोक्य ने संगोष्ठी के आयोजकों को एआई विषय के चयन पर बधाई दी। प्राचार्य फादर जेवियर ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए एआई की आवश्यकता और चुनौतियों का जिक्र किया। दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन संयोजक डॉ लीना शर्मा, सह संयोजक डॉ मीता शर्मा और अन्य स्टाफ सदस्यों के सहयोग से सफलतापूर्वक किया गया। आयोजन के दूसरे दिन रविवार को वैश्विक स्तर के प्रतिष्ठित वक्ताओं की उपस्थिति दर्ज होगी। सम्मेलन के पहले दिन कम्प्यूटर विज्ञान, राजनीति विज्ञान, वाणिज्य और विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों में अनेकों राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्र प्रस्तुत गए ।
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