राजकोष को हानि पहुंचाने का मामला : तहसीलदार और पटवारी को तीन-तीन वर्ष कैद, अर्थ दण्ड भी लगाया
पटवारी केसरलाल के विरुद्ध सुनवाई जारी
सहायक निदेशक अभियोजन डायमंड सिंह के अनुसार टोंक जिले की देवली तहसील स्थित ग्राम दूदावास के जयकिशन की आरोपियों ने राजस्व रिकॉर्ड में पांच बीघा जमीन का आवंटन होने पर नामान्तरण खातेदारी दर्ज की।
अजमेर। एसीबी की विशिष्ट न्यायालय एवं डेजीग्नेटेड कोर्ट ने पद का दुरुपयोग कर राजकोष को नुकसान पहुंचाने के आरोपी देवली तहसील, टोंक जिला के तत्कालीन तहसीलदार रामप्रसाद व पटवारी केसरलाल को धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का दोषी मान 3-3 साल की कैद व 25-25 हजार रुपए का अर्थदण्ड लगया है। प्रकरण के एक अन्य आरोपी तत्कालीन राजस्व अधिकारी नारायण सिंह की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो जाने से उसके विरुद्ध विधिक प्रक्रिया बन्द कर दी गई थी। उपरोक्त दोनों आरोपियों को इसी तरह के दो अन्य प्रकरणों में न्यायालय पहले ही दंडित कर चुकी है।
सहायक निदेशक अभियोजन डायमंड सिंह के अनुसार टोंक जिले की देवली तहसील स्थित ग्राम दूदावास के जयकिशन की आरोपियों ने राजस्व रिकॉर्ड में पांच बीघा जमीन का आवंटन होने पर नामान्तरण खातेदारी दर्ज की। तीनों आरोपियों ने बीसलपुर परियोजना की पत्रावली में 61 हजार 155 रुपए का मुआवजा भुगतान कर अपने पद का दुुरुपयोग करते भ्रष्टाचार व षड्यंत्रपूर्वक धोखाधड़ी की। इस संबंध में एसीबी टोंक ने तत्कालीन राजस्व अधिकारी नारायण सिंह, तहसीलदार रामप्रसाद व पटवारी केसरलाल के विरुद्ध वर्ष 2000 में मुकदमा नम्बर 239 दर्ज किया था। एसीबी ने इस संबंध में आरोपियों के विरुद्ध 6 नवम्बर 2012 में आरोप-पत्र पेश किया और अदालत ने तीनों आरोपियों को 21 जुलाई 2016 को आरोप-पत्र के आधार पर आरोपित किया था। सुनवाई के दौरान वर्ष 2021 में राजस्व अधिकारी नारायण सिंह की मृत्यु हो गई। शेष आरोपी तहसीलदार रामप्रसाद व पटवारी केसरलाल के विरुद्ध सुनवाई जारी रही।

Comment List