नई शिक्षा नीति में भारतीय संस्कृति के साथ तकनीकी ज्ञान समाहित : बागड़े
राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
पर्यावरण संरक्षण पर जोर : विद्यार्थियों से परिजनों के नाम एक एक पौधा रोपने के साथ सार सम्भाल का आह्वान
अलवर। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रतिभाशाली व्यक्तित्व तैयार करने के केंद्र हैं और यहां विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता के साथ-साथ उनके समग्र विकास पर फोकस होना चाहिए। बागडेÞ मंगलवार को राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर के पंचम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रसन्नता जाहिर करते कहा कि समाज में बदलाव आ रहा है, महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर श्रेष्ठता साबित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए सिर्फ परीक्षा में पास होना या डिग्री लेना पर्याप्त नहीं है बल्कि उन्हें आजीविका के लिए हुनरमंद होना भी जरूरी है। नई शिक्षा नीति भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के साथ आधुनिक तकनीक को समाहित किए हुए है, जिसे समय की मांग के अनुरूप तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों की प्राथमिक स्तर से ही नींव मजबूत की जानी चाहिए। इससे बच्चों का उत्तरोतर शिक्षा के साथ समग्र विकास संभव होगा। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले एवं विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में कम से कम एक-एक पौधा अपने परिजनों के नाम लगाएं एवं उसकी सार संभाल करें जिससे हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के साथ पर्यावरण का संरक्षण होगा। उन्होंने राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय परिसर में पौधरोपरण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने संविधान पार्क का अवलोकन कर कहा कि संविधान पार्क से विद्यार्थी आकादमिक शिक्षा के साथ संविधानिक मूल्यों को भी आत्मसात कर सकेंगे।
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