अवैध खनन: खानापूर्ति साबित हुई कार्रवाई
वन भूमि पर धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन
केलवाड़ा कस्बे के इर्द-गिर्द इन दिनों भू माफिया बड़े पैमाने पर सक्रिय हो गए हैं। क्षेत्र में हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ियां चल रही है।
केलवाड़ा। केलवाड़ा वन क्षेत्र में दिनदहाड़े प्लांटेशन की चार दीवारी को ट्रैक्टर ट्रॉलियों की सहायता से ले जाकर कस्बे में खुलेआम बेचा जा रहा है। मौके पर कार्रवाई करने गई वन विभाग की टीम अवैध खननकर्ताओं को देखकर वहां से दबे पांव भाग खड़ी हुई। कुछ समय के बाद ट्रैक्टर ट्रॉली प्लांटेशन से निकल जाने के बाद रूट चेंज करते हुए वन विभाग की टीम प्लांटेशन पर पहुंची। जहां पर चारदीवारी के पत्थर नीचे गिरे हुए थे। अजीबोगरीब मामला यह था कि वन विभाग की गाड़ी की स्टेरिंग उस व्यक्ति के हाथ में थी जो स्वयं अवैध खननकर्ता है। वर्तमान में ट्रैक्टर ट्रॉलियों की सहायता से अवैध खनन को अंजाम देता है सवाल उठता है कि वन विभाग जानबूझकर ऐसे चालक को लेकर कार्रवाई करने पहुंचे जो स्वयं खननकर्ताओं का साथी है । वन विभाग के अधिकारियों को गुमराह कर जानबूझकर गाड़ी को करीबन 100 मीटर की दूरी पर खड़े ट्रैक्टर ट्रॉली को न पकड़कर 6 से 7 किलोमीटर का चक्कर लगाकर मौके पर पहुंचा जबकि उक्त स्थान पर जाने के लिए रास्ता बना हुआ था। सवाल उठता है कि वन विभाग की टीम 6 से 7 किलोमीटर का चक्कर काटने क्यों गई थी अगर वन विभाग को कार्रवाई करनी थी तो आसानी से जीप को उक्त स्थान पर ले जा सकते थे या पैदल भी जा सकते थे। उसी वक्त पास ही में वन भूमि में अवैध खनन का कार्य चल रहा था। उसे भी अनदेखा करते हुए वन विभाग की टीम फिजूल में गाड़ी का डीजल जला रहे थे।
हरे पेड़ों पर चल रही कुल्हाडियां, अधिकारी काट रहे चक्कर
केलवाड़ा कस्बे के इर्द-गिर्द इन दिनों भू माफिया बड़े पैमाने पर सक्रिय हो गए हैं। क्षेत्र में हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ियां चल रही है। अब तक भू माफियाओं के द्वारा लाखों पेड़ पौधों को ध्वस्त कर दिया है और यह सिलसिला आज भी जारी है। प्रभावी कार्यवाही नहीं होने के कारण नए-नए भूमाफिया तैयार हो रहे हैं। भू माफियाओं की भूख बढ़ती ही जा रही है जहां पर घने जंगल हुआ करते थे। आज वहां पर मैदान बना हुआ है एवं किसानों की फसलें लहराती देखने को मिलती हैं।
गाड़ी चालक का मुझे मालूम नही है, अगर सरकारी गाड़ी को अन्य व्यक्ति चला रहा था तो स्टाफ के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
-तरुण रावत, क्षेत्रीय वन अधिकारी, केलवाड़ा।

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