पंचकोसी परिक्रमा का आगाज
यात्रा का जगह-जगह कस्बे के धर्म प्रेमी लोगों द्वारा स्वागत
इस परिक्रमा में हर वर्ष इसी प्रकार से कस्बे की हजारों महिलाएं पुरुष भाग लेते हैं और भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थली कही जाने वाली भूमि कामां को कामवन के नाम से भी जाना जाता है।
कामां। आदि वृंदावन कामवन धाम कामवन में रविवार को पंचकोसी यात्रा का राधा वल्लभ जी मंदिर से विधि विधान एवं पूजा अर्चना कर यात्रा का बैंड बाजों के साथ धूमधाम से पालिकाध्यक्ष गीता खंडेलवाल ने पुस्तक को अपने सिर पर लेकर यात्रा का शुभारंभ किया। वहीं यात्रा का जगह-जगह कस्बा के धर्म प्रेमी लोगों द्वारा स्वागत किया गया। यात्रा व्यवस्थापक आशुतोष कौशिक ने बताया कि पंचकोसी यात्रा पॉच दिवस तक विभिन्न तीर्थ स्थलो पर पहुंचकर उनके दर्शन करेगी प्रमुख तीर्थ स्थलों पर यात्रियों को उनकी उत्पत्ति व महत्व की कथाओं का वर्णन सुनाया जाएगा पंचकोशी यात्रा में करीब दस हजार यात्री शामिल है। कामां में रविवार सुबह 9:00 बजे मंदिर श्री राधाबल्लभ जी में संपूर्ण विधि-विधान द्वारा पंचकोसी परिक्रमा का शुभारंभ किया गया। कस्बे के हजारों की संख्या में भक्तगण व पुजारी मौजूद रहे। यह पंचकोशी परिक्रमा कामा क्षेत्र के विभिन्न तीर्थ स्थलों से होकर 5 दिन तक चलती है। इस परिक्रमा में हर वर्ष इसी प्रकार से कस्बे की हजारों महिलाएं पुरुष भाग लेते हैं और भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थली कही जाने वाली भूमि कामां को कामवन के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि यहां पर भगवान श्री कृष्ण ने अपने ग्वाल वालों के साथ लीला की उन्हीं लीलाओं को व्यास द्वारा कथावाचक के रूप में सुनाया जाता है और लोग यहां पर भगवान श्री कृष्ण के क्रीडा स्थली मैं बने हुए पद चिन्हों का झांकियों के दर्शन कर लाभ प्राप्त करते हैं।

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