अभिजित मुहूर्त में कल होगी घट स्थापना, नौ की जगह आठ नवरात्र ही आएंगे
नवरात्र घटस्थापना में बाधा रहेगा चित्रा और वैधृति नक्षत्र का योग
जयपुर। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा गुरुवार को शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। आमतौर पर प्रात:कालीन वेला में नवरात्र घट स्थापना होती आई है, लेकिन इस बार चित्रा और वैधृति नक्षत्र देवी पूजा में बाधक माना गया है। इसलिए अभिजित मुहूर्त में ही घट स्थापना हो सकेगी। देवी के नौ नवरात्र माने गए हैं, लेकिन इस बार आठ नवरात्र ही आएंगे।
वेद वेदांग अनुशीलन संस्थान के अधिष्ठाता पं. दुर्गादत्त शिवदत्त शास्त्री ने बताया कि इस बार एक श्राद्ध की वृद्धि हुई है और नवरात्र में चतुर्थी तिथि का क्षय है। इस कारण नौ की जगह आठ नवरात्र ही आएंगे। नौ अक्टूबर को तृतीया तिथि है। चतुर्थी का क्षय होने से तृतीया को ही चतुर्थी की पूजा होगी। वैसे घट स्थापना प्रात:कालीन वेला में ही की जाती है, लेकिन इस बार प्रतिपदा को पूरे दिन चित्रा व वैधृति नक्षत्र का योग है। यह योग देवी पूजा में बाधक है। इसलिए अभिजित मुहूर्त में घटस्थापना की जा सकेगी। अभिजित मुहूर्त प्रतिदिन रहता है। इसमें केवल बुधवार को टाला जाता है।
इस प्रकार रहेंगे आठ नवरात्र
प्रतिपदा 7 अक्टूबरद्वितीया 8 अक्टूबर
तृतीया/चतुर्थी 9 अक्टूबर
पंचमी 10 अक्टूबर
षष्टी 11 अक्टूबर
सप्तमी 12 अक्टूबर
अष्टमी 13 अक्टूबर
नवमी 12 अक्टूबर
नवरात्र पूजन अबूझ मुहूर्त
प्रतिपदा को प्रात: 11.51 से 12.38 बजे तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त रहेगा। नवरात्र पूजन 7 से 14 अक्टूबर तक होगा। नवरात्र में साधकों को पूरे सात्विक भाव से देवी उपासना करनी चाहिए।
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