आखिरकार गहलोत की मांग को केंद्र ने माना, मुख्यमंत्री बोले- जनभावनाओं की हुई जीत, देर आए, दुरुस्त आए

आखिरकार गहलोत की मांग को केंद्र ने माना, मुख्यमंत्री बोले- जनभावनाओं की हुई जीत, देर आए, दुरुस्त आए

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लगातार 18 से 44 साल तक के लोगों को फ्री वैक्सीन लगाने की मांग को आखिरकार केन्द्र सरकार ने मान लिया है। गहलोत बार-बार केन्द्र से सभी लोगों के लिए फ्री वैक्सीन लगाने की बात कह रहे थे। उन्होंने पीएम से वीसी के दौरान भी कहा था कि अब तक देश में सभी तरह के टीके फ्री लगते रहे है, जबकि कोरोना तो एक वैश्विक महामारी है। ऐसे में इसका टीका भी देशवासियों को फ्री लगना चाहिए।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लगातार 18 से 44 साल तक के लोगों को फ्री वैक्सीन लगाने की मांग को आखिरकार केन्द्र सरकार ने मान लिया है। गहलोत बार-बार केन्द्र से सभी लोगों के लिए फ्री वैक्सीन लगाने की बात कह रहे थे। उन्होंने पीएम से वीसी के दौरान भी कहा था कि अब तक देश में सभी तरह के टीके फ्री लगते रहे है, जबकि कोरोना तो एक वैश्विक महामारी है। ऐसे में इसका टीका भी देशवासियों को फ्री लगना चाहिए। गहलोत का तर्क था कि राज्यों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में वैक्सीन का वित्तीय भार राज्यों के लिए नई मुसीबत होगा। साथ ही वैक्सीन की कीमत को लेकर भी गहलोत ने सवाल उठाए थे। ऐसे में गहलोत की पहल को केन्द्र ने मान लिया है।

गहलोत ने कहा कि पहले दिन से ही हमारी मांग थी कि पूर्व के सभी वैक्सीनेशन कार्यक्रमों की तरह कोविड वैक्सीनेशन भी केंद्र सरकार की ओर से नि:शुल्क किया जाए। गत 23 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंस में मैंने स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया था कि 18 प्लस सहित सभी का वैक्सीनेशन पूरी तरह नि:शुल्क केंद्र सरकार की ओर से ही कराया जाना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और तमाम विपक्ष ने एक स्वर में केंद्र सरकार की वैक्सीनेशन की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। कांग्रेस ने स्पीकअप फॉर फ्री यूनिवर्सल वैक्सीनेशन अभियान भी चलाया। राजस्थान सहित कई राज्य सरकारों को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा। इसका नतीजा है कि आज नरेंद्र मोदी को अपना गलत फैसला वापस लेना पड़ा। हालांकि उन्होंने अपने पूर्व निर्णय के लिए राज्यों को दोष देने का असफल प्रयास किया, जबकि किसी राज्य ने अपने बजट से 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के वैक्सीनेशन लगाने की मांग या सुझाव केंद्र सरकार के सामने नहीं रखा। देर आए-दुरुस्त आए। यह जनभावनाओं की जीत हैं।

वैक्सीन को लेकर फैलाई असत्य खबरें
पीएम की फ्री वैक्सीन की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि वैक्सीन को लेकर कुछ असत्य खबरें फैलार्इं गई है कि 18 से 44 आयु वर्ग को वैक्सीन राज्यों की ओर से ही खरीदकर लगाने दी जाए। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह जानकारी देनी चाहिए कि किन राज्यों ने 18 से 44 साल आयु वर्ग के लिए वैक्सीन खरीदकर लगाने की मांग की थी। मेरी जानकारी में किसी राज्य ने ऐसी मांग नहीं की थी। लगता है पीएम के सलाहकारों ने उन्हें गलत जानकारी दी।

मोदी के फैसले से अब बच जाएंगे गहलोत सरकार के 3000 करोड़
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देशभर में फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा से राजस्थान सरकार को करीब 3000 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने पूरी तैयारी की थी। इसी कड़ी में 18 से 44 साल के युवाओं को मुफ्त में वैक्सीन लगाने के लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली थी। इस पर करीब 3000 करोड़ का आर्थिक भार पड़ रहा था। मोदी की घोषणा के बाद अब राज्य सरकार को यह राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी।

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